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वाराणसी: CAA-NRC के विरोध में जेल में बंद लोगों में से 35 की हुई रिहाई

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सरकार ने सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि उसमें से पुलिस ने 35 लोगों को रिहा कर दिया है.

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CAA-NRC के विरोध में जेल में बंद 70 लोगों में से 35 की हुई रिहाई.
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Published : Jan 3, 2020, 12:40 PM IST

वाराणसी: 19 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर जिले के बेनियाबाग में शांति प्रदर्शन किया जा रहा था. इसके बाद माहौल न बिगड़े, उसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी. पुलिस ने लोगों को जेल भी भेज दिया था. शुक्रवार को गिरफ्तार लोगों में से लगभग 35 लोगों की रिहाई हुई है.

CAA-NRC के विरोध में जेल में बंद 70 लोगों में से 35 की हुई रिहाई.
  • सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में प्रदर्शनों का दौर जारी रहा था, जिस पर किसी तरह से वर्तमान सरकार काबू पाई है.
  • वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थिती बेनियाबाग में शांति प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया था.
  • प्रशासन ने लगभग 70 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था, जिसे देखते हुए लोगों ने काफी नाराजगी भी जताई थी.
  • लोगों का कहना है कि जिस कानून को लेकर देश में नाराजगी है उसे कहीं न कहीं प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप कर कानून को बदलना चाहिए.
  • लोगों की गिरफ्तारी पर सामाजिक संगठन बेहद ही नाराज दिखाई दे रहा था.
  • सरकार से सामाजिक संगठन के लोगों का कहना है कि पूरा मामला देश के पक्ष में होने वाली प्रतिक्रिया थी, जिसे वर्तमान सरकार समझने में असमर्थ थी.
  • सरकार इसे विरोधी समझ रही थी, जिसके तहत यह पूरी कार्रवाई की गई थी.

इसे भी पढ़ें- कोटा में बच्चों की मौत से कांग्रेस सरकार की लापरवाही उजागरः उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा

वाराणसी: 19 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर जिले के बेनियाबाग में शांति प्रदर्शन किया जा रहा था. इसके बाद माहौल न बिगड़े, उसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी. पुलिस ने लोगों को जेल भी भेज दिया था. शुक्रवार को गिरफ्तार लोगों में से लगभग 35 लोगों की रिहाई हुई है.

CAA-NRC के विरोध में जेल में बंद 70 लोगों में से 35 की हुई रिहाई.
  • सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में प्रदर्शनों का दौर जारी रहा था, जिस पर किसी तरह से वर्तमान सरकार काबू पाई है.
  • वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थिती बेनियाबाग में शांति प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया था.
  • प्रशासन ने लगभग 70 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था, जिसे देखते हुए लोगों ने काफी नाराजगी भी जताई थी.
  • लोगों का कहना है कि जिस कानून को लेकर देश में नाराजगी है उसे कहीं न कहीं प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप कर कानून को बदलना चाहिए.
  • लोगों की गिरफ्तारी पर सामाजिक संगठन बेहद ही नाराज दिखाई दे रहा था.
  • सरकार से सामाजिक संगठन के लोगों का कहना है कि पूरा मामला देश के पक्ष में होने वाली प्रतिक्रिया थी, जिसे वर्तमान सरकार समझने में असमर्थ थी.
  • सरकार इसे विरोधी समझ रही थी, जिसके तहत यह पूरी कार्रवाई की गई थी.

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Intro:एंकर: 19 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर के वाराणसी के बेनियाबाग में शांति प्रदर्शन किया जा रहा था जिसके बाद माहौल न बिगाड़ सके जिस को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी और जिन्हें जेल भी भेज दिया गया था आज लगभग 35 लोगों की रिहाई हुई है जिससे लोग खास खुश है और वर्तमान सरकार से नाराज भी दिखाई दे रहे हैं।Body:वीओ: दरअसल सीएए और एनआरसी को लेकर के पूरे देश में प्रदर्शनों का दौर जारी रहा था जिसे किसी तरह से वर्तमान सरकार काबू पाई है मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बेनियाबाग में जब शांति प्रदर्शन किया जा रहा था उसी दौरान प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लगभग 70 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था जिसे देखते हुए लोगों ने काफी नाराजगी भी जताई थी लोगों का यही कहना है कि जिस कानून को लेकर करके देश में नाराजगी है उसे कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप कर कानून को बदलना चाहिए मगर ऐसा नहीं हुआ और लोगों पर कड़ी कार्रवाई पूरे देश में की गई।Conclusion:वीओ: इसी दौरान वाराणसी में 70 लोगों की गिरफ्तारी की थी जिसके बाद उन्हें जेल भी भेज दिया गया था कई धाराएं भी लगाई गई थी जिसे लेकर सामाजिक संगठन बेहद ही नाराज दिखाई दे रहा था सरकार से सामाजिक संगठन के लोगों का कहना यह है कि यह पूरा मामला राजनीतिक ना हो करके यह देश के पक्ष में होने वाली प्रतिक्रिया थी जिसे वर्तमान सरकार समझने में असमर्थ थी और सरकार इसे विरोधी समझ रही थी जिसके तहत या पूरी कार्रवाई की गई थी मगर 35 लोगों की रिहाई हुई है उसे देखते हुए कहीं ना कहीं यह माना जा सकता है कि लोग एनआरसी को लेकर बेहद ही संवेदनशील है। और आगे भी अपना विरोध शासन के खिलाफ दर्ज कराते रहेंगे।

बाइट: जय शंकर सिंह सीपीआई नेता

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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