रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से राहत मिली है. सोमवार को अब्दुल्ला की जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. इसके बाद जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
साल 2020 में शत्रु संपत्ति के एक मामले में अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं. इसकी वजह से वह जेल में हैं. उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है. इस मुकदमे में पुलिस की ओर से अब्दुल्ला के खिलाफ कुछ अतिरिक्त धाराएं बढ़ाने के लिए अदालत से सिफारिश की गई थी. माना जा रहा था कि इन धाराओं के बढ़ने पर अब्दुल्ला आजम की रिहाई नहीं हो सकेगी. पुलिस के इस प्रार्थना पत्र को अदालत से झटका लगा है. अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है.
आजम खान पक्ष के अधिवक्ता जुबेर अहमद खान ने बताया कि मामले में चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट लग चुकी थी. 2023 में पहली चार्जशीट लगी. अब्दुल्ला आजम और आजम खान को कस्टडी में लिए 4 महीने हो चुके हैं. हमारी तरफ से बेल एप्लीकेशन लगी. फिर पुलिस की ओर से धाराएं बढ़ाने का प्रार्थना पक्ष दिया गया. सोमवार को न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया.
जुबेर अहमद ने बताया कि मुख्य धारा 468 थी. बेल पर बहस हो चुकी है. न्यायालय द्वारा ऑर्डर को रिजर्व कर लिया गया है. अब ऑर्डर न्यायालय के ऊपर है. हमने न्यायालय में यही प्रार्थना पत्र दिया था और एफिडेविट भी इसी बात का दिया था कि हमारी जानकारी में इनके अलावा और कोई मैटर नहीं है, बाकी और सब मैटर्स में बेल हो चुकी है.
यह पूछे जाने पर कि अगर ऑर्डर आपके फेवर में आ जाता है तो क्या अब्दुल्ला आजम बाहर आ जाएंगे?, इस पर जुबेर अहमद खान ने बताया कि अगर इसके अंदर बेल हो जाती है, कोई अन्य मुकदमा नहीं दर्ज होता है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे. कोर्ट का अंतिम फैसला जल्द आने की उम्मीद है.
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