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वाराणसी: RTI के तहत सूचना न देने पर फंसे 125 अधिकारी, 31 लाख से ज्यादा होगी वसूली

वाराणसी पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने बीते 3 महीने के अंदर सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब न देने पर बनारस के 125 जनसूचना अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और इन सभी से 31 लाख 25 हजार की वसूली करने के भी आदेश दिए गए हैं.

वाराणसी
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Published : Jun 28, 2022, 10:48 AM IST

वाराणसी: आरटीआई (RTI) के नियम के तहत मांगी गई सूचना देने में आनाकानी करने पर बनारस के अधिकारी अब सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के निशाने पर आ गए हैं. सोमवार को वाराणसी पहुंचे सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने समीक्षा बैठक के दौरान बीते 3 महीने के अंदर सूचना के अधिकार(RTI) कानून के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब न देने पर 125 जनसूचना अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और इन सभी से 31 लाख 25 हजार की वसूली करने के आदेश भी दिए हैं.

दरअसल, सोमवार की शाम वाराणसी पहुंचे सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत समय से प्रार्थना पत्रों को निपटाए जाने और इनका जवाब देने में किसी भी तरह की लापरवाही न करते हुए निर्धारित समय के अंदर ही जवाब देने के निर्देश दिए थे इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह भी स्पष्ट तौर पर कहा कि जवाब देने में देरी और हीला हवाली उचित नहीं होगी.

इसी क्रम में समीक्षा के दौरान जब उनके संज्ञान में आया कि यहां 125 जन सूचना अधिकारी ऐसे हैं जो मांगी गई सूचनाओं को 1 माह के अंदर देने में न ही रुचि लिए हैं और न ही कोशिश की है. ऐसे में उन्होंने इन सभी को वार्निंग देते हुए इनसे अर्थदंड के रूप में 31 लाख 25 हजार रुपए वसूलने के निर्देश दिए हैं.

सूचना आयुक्त का कहना है कि सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि आरटीआई एक्ट 2005 के अंतर्गत सूचनाएं 30 दिन के अंदर देनी है. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विलंब तो एकदम ही नहीं. अफसरों को उन्होंने हिदायत देते हुए अपनी कार्यशैली सुधारने के भी निर्देश दिए हैं. वहीं, आयोग की तरफ से सूचना आयुक्त मंगलवार और बुधवार को सर्किट हाउस में अलग-अलग लगभग 500 प्रकरणों की सुनवाई करेंगे.

इसे भी पढे़ं- RTI रिपोर्ट में हुआ खुलासा: यमुना में गिर रहा है डायरेक्ट नाले का पानी

वाराणसी: आरटीआई (RTI) के नियम के तहत मांगी गई सूचना देने में आनाकानी करने पर बनारस के अधिकारी अब सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के निशाने पर आ गए हैं. सोमवार को वाराणसी पहुंचे सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने समीक्षा बैठक के दौरान बीते 3 महीने के अंदर सूचना के अधिकार(RTI) कानून के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब न देने पर 125 जनसूचना अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और इन सभी से 31 लाख 25 हजार की वसूली करने के आदेश भी दिए हैं.

दरअसल, सोमवार की शाम वाराणसी पहुंचे सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत समय से प्रार्थना पत्रों को निपटाए जाने और इनका जवाब देने में किसी भी तरह की लापरवाही न करते हुए निर्धारित समय के अंदर ही जवाब देने के निर्देश दिए थे इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह भी स्पष्ट तौर पर कहा कि जवाब देने में देरी और हीला हवाली उचित नहीं होगी.

इसी क्रम में समीक्षा के दौरान जब उनके संज्ञान में आया कि यहां 125 जन सूचना अधिकारी ऐसे हैं जो मांगी गई सूचनाओं को 1 माह के अंदर देने में न ही रुचि लिए हैं और न ही कोशिश की है. ऐसे में उन्होंने इन सभी को वार्निंग देते हुए इनसे अर्थदंड के रूप में 31 लाख 25 हजार रुपए वसूलने के निर्देश दिए हैं.

सूचना आयुक्त का कहना है कि सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि आरटीआई एक्ट 2005 के अंतर्गत सूचनाएं 30 दिन के अंदर देनी है. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विलंब तो एकदम ही नहीं. अफसरों को उन्होंने हिदायत देते हुए अपनी कार्यशैली सुधारने के भी निर्देश दिए हैं. वहीं, आयोग की तरफ से सूचना आयुक्त मंगलवार और बुधवार को सर्किट हाउस में अलग-अलग लगभग 500 प्रकरणों की सुनवाई करेंगे.

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