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वाराणसी: BHU के 101वें दीक्षांत समारोह पर छात्रों को मिला गोल्ड मेडल

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 101वां दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस अवसर पर छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया. वहीं इस दौरान छात्र गले लगकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते नजर आए.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनाया गया दीक्षांत समारोह.
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Published : Dec 23, 2019, 5:55 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर 11529 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई. वहीं उपाधि मिलते ही छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनाया गया दीक्षांत समारोह.
  • छात्र-छात्राओं ने मंच पर मुख्य अतिथि, कुलाधिपति और कुलपति का आशीर्वाद लिया.
  • छात्रों ने एक-दूसरे को गलाकर शुभकामनाएं भी दीं.
  • छात्र-छात्राओं ने कहा कि समाज और देश के प्रति हमारा दायित्व और बढ़ गया है, साथ ही जमकर एक-दूसरे के साथ सेल्फी ली.
  • स्वर्ण पदक पाने वाली मधु त्रिपाठी ने कहा कि आगे चलकर मुझे सिविल सर्विस में जाना है. ये मेडल मेरी मां और पिताजी को समर्पित है.
  • छात्रा ज्योति गुप्ता ने कहा कि यह पदक मेरे लिए काफी अनएक्सपेक्टेड था, क्योंकि बहुत लोग कंपटीशन में थे.
  • ज्योति ने बताया कि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं.
  • जयदीप गोराई ने संस्कृत में कहा कि मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ की कृपा से मुझे गोल्ड मेडल मिला है.
  • जयदीप ने कहा कि मेरे गुरुजनों और माता-पिता का संस्कृत देववाणी में बहुत सहयोग रहा है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर 11529 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई. वहीं उपाधि मिलते ही छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनाया गया दीक्षांत समारोह.
  • छात्र-छात्राओं ने मंच पर मुख्य अतिथि, कुलाधिपति और कुलपति का आशीर्वाद लिया.
  • छात्रों ने एक-दूसरे को गलाकर शुभकामनाएं भी दीं.
  • छात्र-छात्राओं ने कहा कि समाज और देश के प्रति हमारा दायित्व और बढ़ गया है, साथ ही जमकर एक-दूसरे के साथ सेल्फी ली.
  • स्वर्ण पदक पाने वाली मधु त्रिपाठी ने कहा कि आगे चलकर मुझे सिविल सर्विस में जाना है. ये मेडल मेरी मां और पिताजी को समर्पित है.
  • छात्रा ज्योति गुप्ता ने कहा कि यह पदक मेरे लिए काफी अनएक्सपेक्टेड था, क्योंकि बहुत लोग कंपटीशन में थे.
  • ज्योति ने बताया कि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं.
  • जयदीप गोराई ने संस्कृत में कहा कि मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ की कृपा से मुझे गोल्ड मेडल मिला है.
  • जयदीप ने कहा कि मेरे गुरुजनों और माता-पिता का संस्कृत देववाणी में बहुत सहयोग रहा है.
Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101 वें दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं ने जमकर मेडल बटोरा। 11529 छात्र-छात्राओं को उपाधि दिया गया। उपाधि मिलते ही छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे।


Body:छात्र छात्राओं ने मंच पर मुख्य अतिथि और कुलाधिपति और कुलपति का आशीर्वाद दिया और उसके साथ ही छात्रों ने एक दूसरे को गले मिलकर शुभकामना दिया। वहीं छात्रों ने कहा कि आज से समाज और देश के प्रति हमारा दायित्व और बढ़ गया है। छात्राओं ने जमकर एक दूसरे के साथ सेल्फी लिया।छात्राओ और गुरु जनो के साथ भी लिया सेल्फी।


Conclusion:मधु त्रिपाठी ने बताया आगे मुझे सिवसर्विस में जाना है। या गोल्ड मेरी मां और पिताजी को समर्पित है और मेरे गुरुजनों और साथियों को सुख-दुख और इस कड़ी मेहनत में मेरे साथ रहे।

बाईट :-- मधु त्रिपाठी, स्वर्ण पदक प्राप्त,बीएचयू।

ज्योति गुप्ता यह पदक मेरे लिए काफी अनएक्सपेक्टेड था। क्योंकि बहुत लोग कंपटीशन में थे कुछ ही मार्क्स का अंतर था। सबसे अच्छा लगा यह गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी लेवल पर मुझे मिला है और सब की शुभकामनाएं मुझे मिल रही है। बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हूं और फाइनेंस को लेकर जिस तरह बहुत सी लोगों को असुविधा है उसे दूर करना चाहती हूं।

जयदीप गोराई संस्कृत में जवाब देते हुए कहा कि मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ की कृपा से आज मुझे यह गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है जिसमें मेरे गुरुजनों और माता-पिता का बहुत सहयोग रहा संस्कृत देववाणी है और मैं इस अध्ययन को आगे भी जारी रखूंगा

बाईट :-- जयदीप गोराई , स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र।

आशुतोष उपाध्याय
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