उन्नाव: एंबुलेंस हड़ताल के चलते आज एक महिला की जान चली गई. महिला का घर पर ही प्रसव होने से उसकी हालत बिगड़ गई. महिला के पति ने कई बार एंबुलेंस के लिए फोन तो उसको हड़ताल की बात कहकर एंबुलेंस भेजने से मना कर दिया. इसके बाद वह एक निजी वाहन से पत्नी को सरकारी अस्पताल ले गया, जहां उसे भर्ती नहीं किया गया. वहां से महिला को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.
बांगरमऊ क्षेत्र के गांव रशूलपुर मझगवां निवासी सुरेश ने बताया है कि उसकी पत्नी सुनीता (30) को प्रसव पीड़ा हुई तो उसने एंबुलेंस के लिए फोन किया. इस पर उसे बताया गया कि हड़ताल के कारण एंबुलेंस नहीं मिल पाएगी. इसके बाद घर पर ही प्रसव हो गया और महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन समुचित स्वास्थ्य सेवाएं घर पर उपलब्ध न होने के चलते सुनीता की हालत खराब हो गई. सुरेश ने गांव की आशा संगिनी रामरानी को साथ लेकर एक निजी किराए के वाहन से पत्नी को लेकर गंजमुरादाबाद के सरकारी अस्पताल पहुंचा, जहां तैनात स्टॉफ नर्स नीलम ने प्रशव पीड़िता को भर्ती न करके उसे वहां से ले जाने की नसीहत दे दी. इसके बाद आशा संगिनी उसे लेकर नगर के ही एक निजी अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर ने प्रशव पीड़िता को भर्ती नहीं किया. इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में प्रसूता ने दम तोड़ दिया.
पढ़ें: एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल: लापरवाही से एक भी मरीज की मृत्यु हुई तो होगी कठोर कार्रवाई
इस मामले में सीएमओ सत्य प्रकाश का कहना है कि जानकारी मिली है कि एक होम डिलीवरी का केस अपने व्यक्तिगत साधन से पीएचसी आया था. वहां पर स्टॉफ नर्स ने उसको अटेंड भी किया, लेकिन जब तक हमारी टीम कुछ करती, तब तक वह लोग पेशेंट को लेकर चले गए. हम लोग पता लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर जीवीके कंपनी से बात करेंगे कि क्या कल एंबुलेंस की मांग की गई थी. जानकारी के बाद अगर लापरवाही मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी.