उन्नाव: भ्रष्टाचार के आरोप में डीएम देवेन्द्र कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया. उनकी जगह पर कन्नौज के डीएम रवींद्र कुमार को उन्नाव का नया जिलाधिकारी बनाया गया है.
क्या है पूरा प्रकरण
सितंबर माह में सरकारी विद्यालयों को कुछ सामग्री खरीदने के लिए एक ग्रांट, जिसे कंपोजिट ग्रांट के नाम से जाना जाता है, दी गई थी. सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया था कि इस पैसे से शासन द्वारा तय की गई चीजें खरीदकर स्कूली प्रयोग में लाई जाए, लेकिन उन्नाव के तत्कालीन बीएसए ने सभी अध्यापकों पर दबाव बनाकर जो कंपोजिट ग्रांट खरीदनी थी, उसे एक जौनपुर की कंपनी, जिसका नाम मां वैष्णो फर्म है, से खरीदने के लिए निर्देशित किया.
सपा एमएलसी ने खड़े किए थे सवाल
समाजवादी पार्टी से एमएलसी सुनील साजन ने कंपोजिट ग्रांट को लेकर पत्रकार वार्ता के दौरान योगी सरकार पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने अलग-अलग विद्यालयों से अलग-अलग धनराशि वसूलने और मनमानी कंपनी से सामग्री खरीदने के लिए बीएसए द्वारा प्रधानाध्यापकों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. सुनील साजन ने कहा था कि जब तक इसमें संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह हर 15 दिन में एक प्रेस वार्ता कर जिले में हो रही लूट को उजागर करेंगे.
बेसिक शिक्षा सचिव ने जांच के दिए आदेश
वहीं उन्होंने कहा था कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे, जिसके बाद मामला मीडिया में प्रकाश में आने के बाद बेसिक शिक्षा सचिव विजय किरण आनंद ने जांच बैठाने के बाद तत्कालीन बीएसए को निलंबित करते हुए उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन फिर भी मामला शांत नहीं हुआ.
विधानसभा में गूंजा मामला
विधानसभा में इस मामले के गूंजने के बाद योगी सरकार ने तत्कालीन डीएम देवेन्द्र कुमार पांडे के ऊपर लखनऊ जोन के कमिश्नर को एक जांच सौंपी थी, जिस जांच में उन्नाव के जिला अधिकारी दोषी पाए गए और करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को योगी सरकार ने डीएम देवेंद्र कुमार पांडे को निलंबित कर दिया.
सीएम योगी पर साधा निशाना
प्रेस वार्ता के दौरान सपा एमएलसी सुनील साजन ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए पूछा था कि जो सामग्री 500 रुपये की मिलती है वह 5 हजार में कैसे खरीदी जा रही है. वहीं जिस फर्म से यह सामग्री खरीदी जा रही है, उस फर्म का रजिस्ट्रेशन तक नहीं है. ऐसे में जो पैसा बढ़ा कर लिया जा रहा है. वह किसकी जेब में जा रहा है? यहां तक कि उन्होंने कहा था कि क्या इसमें योगी जी भी पैसा ले रहे हैं, जो 500 की चीज 5000 में खरीदी जा रही है.
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