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बाढ़ का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस, किसानों की फसलें बर्बाद

उन्नाव की बांगरमऊ तहसील क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर भले ही घटने लगा है. लेकिन, बाढ़ के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. इस कारण उन्हें खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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गंगा का जलस्तर
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Published : Oct 19, 2022, 10:27 AM IST

उन्नाव: बांगरमऊ तहसील क्षेत्र (Bangarmau Tehsil Area) में गंगा नदी का जलस्तर बीते सोमवार को स्थिर रहा. लेकिन, बुधवार को जलस्तर घटना शुरू हो गया है, जिससे तहसील प्रशासन ने राहत की सांस ली. जबकि, कटरी के छह गांव अभी भी टापू बने हुए हैं और बाढ़ से ग्रसित ग्रामीणों का ब्लॉक मुख्यालय के लिए आवागमन अभी भी नाव के जरिए हो रहा है.

ग्राम कटरी गदनपुर आहार के प्रधान जितेंद्र कुमार के अनुसार, बीते सोमवार को गंगा नदी का जलस्तर स्थिर रहा था. लेकिन, आज बीती रात से जलस्तर में घटोत्तरी शुरू हो गई है. अब तक गंगा नदी का जलस्तर करीब 10 सेंटीमीटर नीचे जा चुका है, चूंकि खेतों में अरसे तक जलभराव बरकरार रहने से फसलें सड़कर नष्ट हो चुकी हैं. इसलिए बाढ़ से फसलों के नुकसान की भरपाई संभव नहीं है. कटरी दोआबा में बसे गांव मल्लाहन पुरवा, कुशालपुरवा, हरी गंज, दुल्ला पुरवा, धन्ना पुरवा और नया पुरवा अभी भी टापू बने हुए हैं. गंगा नदी की दो धाराओं के बीच बसे मजरों के लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए अभी भी नाव का सहारा लेने को मजबूर हैं. फिर भी ग्रामीणों को आशा है कि यदि इसी तरह गंगा नदी का जलस्तर घटता रहा तो मात्र एक हफ्ते के अंदर ग्रामीणों और जानवरों के आवागमन की राहत मिल सकती है.

बांगरमऊ तहसील के उप जिलाधिकारी उदित नारायण सेंगर ने राजस्व और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ गंगा बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया. एसडीएम नाव के जरिए ही बाढ़ से परेशान गांवों तक पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि ग्राम फरीदपुर कट्टर के मजरा मल्लाहन पुरवा स्थित पंचायत भवन में चिकित्सा कर्मियों की टीम तैनात कर दी गई है. यदि कोई व्यक्ति बीमार हो तो रात के दौरान गंगा नदी की धारा पार न करें और पंचायत भवन में ही इलाज कराएं. यदि कोई मरीज गंभीर हालत में हो तो मोबाइल के जरिए उनके सीयूजी नंबर अथवा ग्राम प्रधान, तहसीलदार, ग्राम पंचायत अधिकारी और हल्का लेखपाल को सूचना दें.

बांगरमऊ क्षेत्र की ग्राम पंचायत कटरी गदनपुर आहार (Gram Panchayat Katri Gadanpur Diet) और फरीदपुर कट्टर का गंगा दोआबा क्षेत्र खासकर करेला और हरी धनिया और परवल प्रचुर मात्रा में उत्पादन करता रहा है. गंगा तटवर्ती खेतों से करेला और धनिया के अलावा मूली, प्याज, तरोई, लौकी और भिंडी आदि सब्जियां बांगरमऊ की सब्जी मंडी ही नहीं बल्कि भार वाहनों के जरिए कानपुर, लखनऊ और दिल्ली आदि सुदूर शहरों तक आपूर्ति होती रही हैं. गंगा की बाढ़ से खेतों में खड़ी सभी सब्जियां नष्ट हो चुकी है, जिससे बांगरमऊ मंडी सहित क्षेत्र के माढ़ापुर, बरुआ घाट, सिंघूपुर बेरिया गाड़ा, जगत नगर, दौलतपुर और हरदासपुर आदि बाजारों में सब्जियों के भाव अचानक आसमान छूने लगे हैं. थोक सब्जी व्यापारियों के अनुसार भविष्य में सब्जियों के भाव में भारी बढ़ोतरी होने की आशंका है.

उन्नाव: बांगरमऊ तहसील क्षेत्र (Bangarmau Tehsil Area) में गंगा नदी का जलस्तर बीते सोमवार को स्थिर रहा. लेकिन, बुधवार को जलस्तर घटना शुरू हो गया है, जिससे तहसील प्रशासन ने राहत की सांस ली. जबकि, कटरी के छह गांव अभी भी टापू बने हुए हैं और बाढ़ से ग्रसित ग्रामीणों का ब्लॉक मुख्यालय के लिए आवागमन अभी भी नाव के जरिए हो रहा है.

ग्राम कटरी गदनपुर आहार के प्रधान जितेंद्र कुमार के अनुसार, बीते सोमवार को गंगा नदी का जलस्तर स्थिर रहा था. लेकिन, आज बीती रात से जलस्तर में घटोत्तरी शुरू हो गई है. अब तक गंगा नदी का जलस्तर करीब 10 सेंटीमीटर नीचे जा चुका है, चूंकि खेतों में अरसे तक जलभराव बरकरार रहने से फसलें सड़कर नष्ट हो चुकी हैं. इसलिए बाढ़ से फसलों के नुकसान की भरपाई संभव नहीं है. कटरी दोआबा में बसे गांव मल्लाहन पुरवा, कुशालपुरवा, हरी गंज, दुल्ला पुरवा, धन्ना पुरवा और नया पुरवा अभी भी टापू बने हुए हैं. गंगा नदी की दो धाराओं के बीच बसे मजरों के लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए अभी भी नाव का सहारा लेने को मजबूर हैं. फिर भी ग्रामीणों को आशा है कि यदि इसी तरह गंगा नदी का जलस्तर घटता रहा तो मात्र एक हफ्ते के अंदर ग्रामीणों और जानवरों के आवागमन की राहत मिल सकती है.

बांगरमऊ तहसील के उप जिलाधिकारी उदित नारायण सेंगर ने राजस्व और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ गंगा बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया. एसडीएम नाव के जरिए ही बाढ़ से परेशान गांवों तक पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि ग्राम फरीदपुर कट्टर के मजरा मल्लाहन पुरवा स्थित पंचायत भवन में चिकित्सा कर्मियों की टीम तैनात कर दी गई है. यदि कोई व्यक्ति बीमार हो तो रात के दौरान गंगा नदी की धारा पार न करें और पंचायत भवन में ही इलाज कराएं. यदि कोई मरीज गंभीर हालत में हो तो मोबाइल के जरिए उनके सीयूजी नंबर अथवा ग्राम प्रधान, तहसीलदार, ग्राम पंचायत अधिकारी और हल्का लेखपाल को सूचना दें.

बांगरमऊ क्षेत्र की ग्राम पंचायत कटरी गदनपुर आहार (Gram Panchayat Katri Gadanpur Diet) और फरीदपुर कट्टर का गंगा दोआबा क्षेत्र खासकर करेला और हरी धनिया और परवल प्रचुर मात्रा में उत्पादन करता रहा है. गंगा तटवर्ती खेतों से करेला और धनिया के अलावा मूली, प्याज, तरोई, लौकी और भिंडी आदि सब्जियां बांगरमऊ की सब्जी मंडी ही नहीं बल्कि भार वाहनों के जरिए कानपुर, लखनऊ और दिल्ली आदि सुदूर शहरों तक आपूर्ति होती रही हैं. गंगा की बाढ़ से खेतों में खड़ी सभी सब्जियां नष्ट हो चुकी है, जिससे बांगरमऊ मंडी सहित क्षेत्र के माढ़ापुर, बरुआ घाट, सिंघूपुर बेरिया गाड़ा, जगत नगर, दौलतपुर और हरदासपुर आदि बाजारों में सब्जियों के भाव अचानक आसमान छूने लगे हैं. थोक सब्जी व्यापारियों के अनुसार भविष्य में सब्जियों के भाव में भारी बढ़ोतरी होने की आशंका है.

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