उन्नाव नगर पालिका का कूड़ा निस्तारण बीमारी को दे रहा निमंत्रण, जलाया जा रहा कूड़ा - उन्नाव
उन्नाव में तमाम प्रयासों के बाद भी स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ रहा है और प्रदूषण नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. नगरपालिका की भारी भरकम टीम नगर क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को सड़क किनारे डालकर निस्तारण करती है. बाद में उसमें आग लगा दिया जाता है, जिससे वातावरण पूरी तरह प्रदूषित हो रहा है.
उन्नाव: देश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर भले ही एनजीटी व प्रदूषण विभाग लगातार सक्रिय हैं. लेकिन उन्नाव नगर पालिका परिषद उन्नाव शहर से निकलने वाले कूड़े को शहर के बीचों बीच जमा कर उसमें रात के अंधेरे में आग के हवाले कर देती है, जिससे कूड़े से निकलने वाले धुएं से वहां आसपास के रहने वाले लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. लोगों की मानें तो उनके घरों में इस प्रदूषण युक्त धुंए के जाने से उनका दम तक घुटने लगता है, लेकिन उन्नाव जिला प्रशासन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है.
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भले ही देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर 1 सप्ताह के लिए स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हो, लेकिन उन्नाव नगर पालिका इससे सीखने का नाम नहीं ले रही है. नगर पालिका के हिटलर शाही रवैया से उन्नाव शहर के लगभग तीन से चार हजार आबादी की जिंदगी खतरे में पड़ गई है.
उन्नाव नगर पालिका के द्वारा बनाए गए अवैध डंपिंग यार्ड में नगरपालिका कर्मी कूड़ा जमा करके रात के अंधेरे में आग लगाकर जला देते हैं, जिससे निकलने वाले जहरीले धुएं के चलते वहां आसपास रहने वाले लोगों को प्रदूषण से खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार है कि कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं.
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उन्हें किसान की जलती पराली तो दिखती है, लेकिन उन्नाव जिलाधिकारी ऑफिस से चंद कदम की दूरी पर नगर पालिका के द्वारा बनाया गया अवैध डंपिंग यार्ड में जमे कूड़े में लगी आग किसी अधिकारी को नहीं दिखती.
वहीं आपको बता दें यदि किसान पराली जलाता है तो प्रशासन तुरंत उस पर मुकदमा लिखा देता है, लेकिन उन्नाव नगर पालिका के जिम्मेदारों पर जिला प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. वहीं इस जलती आग से जो धुआं निकल रहा है, उससे आसपास के रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कतें व कई बीमारियों से भी जूझना पड़ सकता है.
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