उन्नाव: जिस स्कूल में बचपन में पढ़ना-लिखना सीखा उसका कर्ज तो कभी नहीं चुका सकता हूं. यह कहना है हसनगंज तहसील के नारायणपुर प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किये गए दो मजदूरों का. यह दोनों मजदूर हैदराबाद से आए थे, जिन्हें स्कूल में क्वारंटाइन करवाया गया है. हसनगंज तहसील के नारायणपुर के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन हुए युवकों की सोच ने मिशाल पेश की है.
दूसरे चरण के लॉकडाउन के बाद हैदराबाद से 12 दिनों तक पैदल चलकर आए दो युवक विनोद कुमार और अरुण कुमार को विद्यालय में क्वारंटाइन किया गया है. दोनों युवकों ने ग्राम विकास अधिकारी से बताया कि वह मेहनती लोग हैं. खाली बैठे रहेंगे तो बीमार होने के साथ ही काम करने की आदत भी छूट जायेगी. बाद में काम करने में दिक्कत भी होगी.
मजदूरों ने की विद्यालय की पुताई
ग्राम विकास अधिकारी ने पंचायत सचिव से कहा कि इन मजदूरों ने विद्यालय के लिए कुछ करने की मंशा जाहिर की है. पंचायत सचिव ने प्रधान से कहकर पेंट और ब्रश मंगवाकर दे दिए. क्वारंटाइन स्थल में रुके दोनों युवकों ने बताया कि हमारे रुकने और खाने के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है. हम दोनों इसी स्कूल में कक्षा 5 तक पढ़े लिखे हैं. पुताई कर अपना फर्ज निभाकर विद्यालय का कर्ज उतारने की कोशिश की है.
हैदराबाद से आए थे पैदल
विनोद ने बताया कि वह दोनों लोग हैदराबाद में पेंटिंग करने का काम करते थे. दूसरे चरण का लॉकडाउन लगते ही दोनों लोग हैदराबाद से चल दिये रास्ते में कोई बैठाने को तैयार नहीं होता था. रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें मारकर मोबाइल, पैसे और अन्य सामान भी छीन लिया था. किसी तरह संघर्षों के बाद वह अपने गांव पहुंचे हैं. यहां इस स्कूल में क्वारंटाइन किये गए हैं.