उन्नाव: जिले में अस्थायी जेल से जमानत पर छूटे एक आरोपी ने जेल कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मारपीट करने की शिकायत दर्ज की है. जब युवक जमानत पर बाहर निकला तो उसने अपनी आप बीती सुनाई. युवक की पिटाई मामले में संज्ञान लेते हुए प्रभारी डीएम ने एडीएम से मामले की जांच करने का आदेश दिया.
जांच में प्रभारी डीएम ने आरोपों को सही पाया और मारपीट करने के आरोप में अस्थायी जेल में तैनात हेड जेल वार्डेन और जेल वार्डेन के खिलाफ डीजी जेल को रिपोर्ट भेजकर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की. मामले पर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर शाम को डीजी जेल ने दोनों जेल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. उन्नाव सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हिरन नगर के रहने वाले ज्ञानू शुक्ला को सड़क हादसे मामले में कोर्ट ने दो अप्रैल को बख्खा खेड़ा में बनाई गई अस्थायी जेल भेज दिया था.
शौचालय साफ न करने पर की गई पिटाई
ज्ञानू से अस्थायी जेल में तैनात जिला कारागार के हेड जेल वार्डेन रामनरेश भार्गव और जेल वार्डेन पृथ्वीराज ने शौचालय साफ करने का दबाव बनाया. इनकार करने पर दोनों ने लात-घूंसों और बेल्ट से जमकर ज्ञानू की पिटाई कर दी. जमानत पर छूटने के बाद जब युवक ने अपने परिजनों को अपनी आप बीती सुनाई और चोट के निशान दिखाए तो परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. पीड़ित की बहन ममता द्विवेदी ने सदर कोतवाली में भाई के साथ मारपीट होने का आरोप लगाते हुए अस्थायी जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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प्रभारी डीएम ने लिया मामले का संज्ञान
प्रभारी डीएम ने संज्ञान लेते हुए एडीएम प्रशासन राकेश सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई. शुक्रवार को एडीएम ने प्रभारी डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी. इसमें आरोप सही पाया गया. रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी डीएम ने डीजी जेल को हेड जेल वार्डेन रामनरेश भार्गव और जेल वार्डेन पृथ्वीराज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की. प्रभारी डीएम की सिफारिश पर डीजी जेल ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है.