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उन्नाव: 17 साल पुराना जख्म है ट्रांस गंगा सिटी के भूमि अधिग्रहण का मामला

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी में भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और किसानों के बीच हुए खूनी संघर्ष की कहानी 17 साल पहले उस समय लिखी गई थी, जब किसानों की 1192 एकड़ जमीन यूपीएसआईडीसी ने अधिग्रहित की थी.

17 साल पुराना जख्म है ट्रांस गंगा सिटी के भूमि अधिग्रहण का मामला.
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Published : Nov 16, 2019, 8:39 PM IST

उन्नाव: जिले में ट्रांस गंगा सिटी में भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और किसानों के बीच शनिवार को हुए खूनी संघर्ष में भले ही कई किसानों और पुलिस के खून से धरती लाल हो गई हो, लेकिन संघर्ष की इस कहानी की इबारत 17 साल पहले उस समय लिखी गई थी, जब किसानों की 1192 एकड़ जमीन यूपीएसआईडीसी ने अधिग्रहित की थी और प्रति बीघे 5 लाख 51 हजार रुपये किसानों को दिए जाने की बात हुई थी.

जानकारी देते संवाददाता.

2007 में किसानों को मुआवजे की राशि दी गई थी, लेकिन समय के साथ जमीन के बड़े सर्किल रेट को लेकर किसानों ने जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रांस गंगा सिटी का शिलान्यास कर 7 लाख रुपये और मुआवजा देने के साथ ही परिवार को नौकरी और भूखंडीय आवास देने की बात कही थी, लेकिन समय के साथ-साथ प्रशासन ने किसानों की मांग को अनदेखा कर दिया. इसकी वजह से तकरार बढ़ती चली गई.


मुआवजा न मिलने की वजह से किसान यूपीएसआईडीसी को जमीन पर कब्जा नहीं करने दे रहे थे, जिसको लेकर शनिवार को प्रशासन ने जबरन पुलिस बल का प्रयोग करना चाहा तो आक्रोशित किसान उग्र हो गए और देखते ही देखते खूनी संघर्ष शुरू हो गया.

ये भी पढ़ें- उन्नाव में किसानों पर पुलिस का कहर, कई घायल


पुलिस बल के प्रयोग से प्रशासन किसानों को खदेड़ने में कामयाब जरूर हो गया, लेकिन किसान लगातार चारों तरफ से सील किए हुए इलाके में घुसने की कोशिश करते रहे. वहीं यूपीएसआईडीसी ने पुलिस की मौजूदगी में किसान के खेतों में बोई हुई फसल को बुलडोजर से रौंद डाला. देश के अन्नदाता पर जबरन बल प्रयोग कर फसल को जेसीबी से रौंदना किसी कायराना हरकत से कम नहीं है.

उन्नाव: जिले में ट्रांस गंगा सिटी में भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और किसानों के बीच शनिवार को हुए खूनी संघर्ष में भले ही कई किसानों और पुलिस के खून से धरती लाल हो गई हो, लेकिन संघर्ष की इस कहानी की इबारत 17 साल पहले उस समय लिखी गई थी, जब किसानों की 1192 एकड़ जमीन यूपीएसआईडीसी ने अधिग्रहित की थी और प्रति बीघे 5 लाख 51 हजार रुपये किसानों को दिए जाने की बात हुई थी.

जानकारी देते संवाददाता.

2007 में किसानों को मुआवजे की राशि दी गई थी, लेकिन समय के साथ जमीन के बड़े सर्किल रेट को लेकर किसानों ने जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रांस गंगा सिटी का शिलान्यास कर 7 लाख रुपये और मुआवजा देने के साथ ही परिवार को नौकरी और भूखंडीय आवास देने की बात कही थी, लेकिन समय के साथ-साथ प्रशासन ने किसानों की मांग को अनदेखा कर दिया. इसकी वजह से तकरार बढ़ती चली गई.


मुआवजा न मिलने की वजह से किसान यूपीएसआईडीसी को जमीन पर कब्जा नहीं करने दे रहे थे, जिसको लेकर शनिवार को प्रशासन ने जबरन पुलिस बल का प्रयोग करना चाहा तो आक्रोशित किसान उग्र हो गए और देखते ही देखते खूनी संघर्ष शुरू हो गया.

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पुलिस बल के प्रयोग से प्रशासन किसानों को खदेड़ने में कामयाब जरूर हो गया, लेकिन किसान लगातार चारों तरफ से सील किए हुए इलाके में घुसने की कोशिश करते रहे. वहीं यूपीएसआईडीसी ने पुलिस की मौजूदगी में किसान के खेतों में बोई हुई फसल को बुलडोजर से रौंद डाला. देश के अन्नदाता पर जबरन बल प्रयोग कर फसल को जेसीबी से रौंदना किसी कायराना हरकत से कम नहीं है.

Intro:उन्नाव:-उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी में भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और किसानों के बीच आज हुए खूनी संघर्ष में भले ही कई किसानों और पुलिस के खून से धरती लाल हो गयी हो लेकिन संघर्ष की इस कहानी की इबारत 17 साल पहले उस समय लिखी गयी थी जब किसानों की 1192 एकड़ जमीन यू पी एस आई डी सी ने अधिग्रहित की थी और प्रति बीघे 5 लाख 51 हज़ार रुपये किसानों को दिए जाने की बात हुई थी जिसके बाद 2007 में किसानों को मुआवजे की राशि दी गयी थी लेकिन समय के साथ जमीन के बड़े सर्किल रेट को लेकर किसान जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी जिसके बाद 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रांस गंगा सिटी का शिलान्यास कर 7 लाख रुपये और मुआवजा देने के साथ ही परिवार को नौकरी और भूखंडीय आवास देने की बात हुई थी लेकिन समय के साथ साथ प्रशासन ने किसानों की मांग को अनदेखा कर दिया जिसकी वजह से तकरार बढ़ती चली गयी।


Body:वही मुआवजा ना मिलने की वजह से किसान यू पी एस आई डी सी को जमीन पर कब्जा नही करने दे रहा था जिसको लेकर आज प्रशासन ने जबरन पुलिस बल का प्रयोग करना चाहा तो आक्रोशित किसान उग्र हो गया और देखते ही देखते खूनी संघर्ष शुरू हो गया हालांकि पुलिस बल के प्रयोग से प्रशासन किसानों को खदेड़ने में कामयाब जरूर हो गया लेकिन किसान लगातार चारो तरफ से सील किये हुए इलाके में घुसने की कोशिश करता रहा वही यू पी एस आई डी सी ने पुलिस की मौजूदगी में किसान के खेतों में बोई हुई फसल को बुलडोजर से रौंद डाला देश के अन्नदाता पर जबरन बल प्रयोग कर फसल को जे सी बी से रौंदना किसी कायराना हरकत से कम नही है।


Conclusion:वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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