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उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर से जुड़ा फैसला सुरक्षित, 16 दिसंबर को सुनाया जाएगा फैसला - तीस हजारी कोर्ट

उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े फैसले को सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में 16 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा.

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कुलदीप सेंगर
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Published : Dec 10, 2019, 5:27 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 6:08 PM IST

नई दिल्ली/लखनऊ: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामलों में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धर्मेश शर्मा ने 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था.

कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.

पिछले 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी.

इस मामले में कोर्ट बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज कर चुका है. पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसका इंतजाम करने का निर्देश दिया था.

इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट के जज पर CBI की कार्रवाई से लोगों में बढ़ेगी ज्यूडिशरी पर विश्वसनीयता

पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा की पूरी कॉल डाटा की रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डाटा रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किया था.

पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपनी चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुआ. सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है.

चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है. चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है.

पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है. इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है. पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एप्पल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी. दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. उसके बाद कोर्ट ने एप्पल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. उन्नाव के ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था. इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछली 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

नई दिल्ली/लखनऊ: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामलों में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज धर्मेश शर्मा ने 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था.

कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.

पिछले 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी. कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी.

इस मामले में कोर्ट बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज कर चुका है. पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसका इंतजाम करने का निर्देश दिया था.

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पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा की पूरी कॉल डाटा की रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डाटा रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किया था.

पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपनी चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुआ. सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है.

चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है. चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है.

पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है. इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है. पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एप्पल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी. दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. उसके बाद कोर्ट ने एप्पल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था. उन्नाव के ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था. इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछली 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े मामलों में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंज जज धर्मेश शर्मा ने 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया। कोर्ट इस मामले पर पिछले 2 दिसंबर से सभी पक्षों की दलीलें सुन रहा था।



Body:पिछले 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता और उसके परिजनों को मिली सुरक्षा अभी जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा था कि अभी पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दूसरे मामलों में भी दर्ज होने हैं इसलिए उनकी सुरक्षा अभी आगे भी जारी रहेगी।
इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज कर चुका है। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था।
पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में अधूरे साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने पर सीबीआई को फटकार लगाते हुए पीड़िता के चाचा का पूरा कॉल डाटा रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था । सीबीआई ने पीड़िता के चाचा की अधूरी कॉल डाटा रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था।
पिछले 11 अक्टूबर को पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट के मामले में सीबीआई ने दायर अपने चार्जशीट में कहा था कि एक्सीडेंट लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई। सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ हत्या की धाराओं को हटा दिया है ।
चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई समेत मनोज के खिलाफ पीड़िता के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एक्सीडेंट का साजिश रचने का आरोपी नहीं बनाया गया है।
आपको बता दें कि पीड़िता के चाचा ने इस एक्सीडेंट के लिए कुलदीप सिंह सेंगर को साजिश रचने का आरोपी माना है। इस मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एपल ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एपल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी। दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। उसके बाद कोर्ट ने एपल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी।
पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया।



Conclusion:आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था। 
Last Updated : Dec 10, 2019, 6:08 PM IST
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