उन्नाव: जिले में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर में हेर-फेर का मामला सामने आया है. अफसरों ने ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर शासन से तय रेट 2800 रुपये से लगभग तीन गुना की कीमत में खरीदा है. यही नहीं बीघापुर ब्लॉक में प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर से फर्म को ऑनलाइन 8900 रुपये के हिसाब से भुगतान कर दिया है. इस मामले में सीडीओ ने मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं. सीडीओ ने जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की बात कही है.
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बीती 23 जून को प्रदेश के सभी डीएम और सीडीओ को ग्राम पंचायतों में जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीदने के निर्देश दिए थे. दोनों उपकरणों की खरीद के लिए 2800 रुपये खर्च के निर्देश दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव के पत्र में यह भी जिक्र है कि मार्केट में 2800 रुपये में दोनों उपकरणों की उपलब्धता है. इसके बाद जिले की सभी 1043 ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर की खरीद जुलाई महीने में की गई.
उपकरणों को ग्राम पंचायतवार बनाई गई निगरानी समितियों के अहम सदस्य आशा बहू को सौंपा जाना था. जिले में यह कवायद की गई, लेकिन यहां भी निलंबित किए गए दो जिलों के डीपीआरओ की तरह ही खरीद को मनमर्जी रूप दिया गया. हालात यह रही कि मियांगज ब्लॉक, नवाबगंज ब्लॉक, गंजमुरादाबाद ब्लॉक, बीघापुर ब्लॉक, हसनगंज ब्लॉक में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर उपकरणों की खरीद केंद्रीयकृत की गई. यानी कि एक ही फर्म से खरीदारी कराई गई, जिसका भुगतान ग्राम पंचायत निधि के खाते से हुआ है. वहीं अब उपकरण की खरीद में गड़बड़झाला सामने आने लगा है तो विभाग में अफरा-तफरी मच गई है.
जिम्मेदार लोग लपेटे में आए तो अब ग्राम प्रधान और सप्लाई करने वाली फर्म से 2800 रुपये के बिल इकट्ठा करने में जुट गए हैं. मामले में सीडीओ राजेश प्रजापति ने माना है कि शासन से 2800 रुपये में पल्स ऑक्सीमीटर व इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीद के निर्देश हैं. आदेश के क्रम में ही खरीददारी के निर्देश दिए गए हैं. खरीद की जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.