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उन्नाव: हत्या के आरोप में 6 लोगों को उम्रकैद, जमीनी विवाद में हुई थी हत्या

यूपी में उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र स्थित गांव ताजपुर नौबस्ता में 2015 में रास्ते की जमीन को लेकर की गई हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी 6 दोषियों को उम्रकैद के साथ 2,10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा.
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Published : Jan 31, 2020, 12:31 PM IST

उन्नाव: रास्ते की जमीन को लेकर हुए विवाद में अधेड़ की हत्या और उसकी पत्नी, बेटी को मरणासन्न करने के केस में छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही 2,10,000 का जुर्माना इन सभी पर लगाया गया है. कोर्ट ने अपने निर्णय कहा है कि जुर्माने की राशि में से 50 फीसदी की रकम पीड़ित परिवार को दी जाए.

2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा.

2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा
अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव ताजपुर नौबस्ता में 2015 को घर के सामने खाली पड़ी भूमि को लेकर दो पड़ोसियों में विवाद हुआ था, जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला कर पति, पत्नी और उसकी बेटी को मरणासन्न कर दिया था, जिसमें अधेड़ की मौत हो गई थी.

घटना के बाद थाने में अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसमें पीड़ित के पुत्र कालीचरण ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन सोनी खूंटे में बछिया बांधने जा रही थी. तभी सामने रहने वाले विद्यासागर, बुद्धि सागर, गंगा सागर पुत्रगढ़ छेदीलाल, छेदीलाल पुत्र अंगनू, धनेश कुमार, राजेश कुमार ने हमला कर दिया, जिससे कालीचरण की मां जमुना देवी, बहन सोनी को गंभीर चोटें आईं थी और उसके पिता की मौत हो गई थी.

पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर घटना की विवेचना करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करवाई थी. मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 10 में न्यायाधीश आलोक शर्मा ने की. न्यायाधीश आलोक शर्मा ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को तर्कसंगत ठहराते हुए सभी को दोषी सिद्ध करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 2,10,000 का जुर्माना भी लगाया है.

उन्नाव: रास्ते की जमीन को लेकर हुए विवाद में अधेड़ की हत्या और उसकी पत्नी, बेटी को मरणासन्न करने के केस में छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही 2,10,000 का जुर्माना इन सभी पर लगाया गया है. कोर्ट ने अपने निर्णय कहा है कि जुर्माने की राशि में से 50 फीसदी की रकम पीड़ित परिवार को दी जाए.

2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा.

2015 की घटना के दोषियों को 2020 में सजा
अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव ताजपुर नौबस्ता में 2015 को घर के सामने खाली पड़ी भूमि को लेकर दो पड़ोसियों में विवाद हुआ था, जिसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला कर पति, पत्नी और उसकी बेटी को मरणासन्न कर दिया था, जिसमें अधेड़ की मौत हो गई थी.

घटना के बाद थाने में अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसमें पीड़ित के पुत्र कालीचरण ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन सोनी खूंटे में बछिया बांधने जा रही थी. तभी सामने रहने वाले विद्यासागर, बुद्धि सागर, गंगा सागर पुत्रगढ़ छेदीलाल, छेदीलाल पुत्र अंगनू, धनेश कुमार, राजेश कुमार ने हमला कर दिया, जिससे कालीचरण की मां जमुना देवी, बहन सोनी को गंभीर चोटें आईं थी और उसके पिता की मौत हो गई थी.

पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर घटना की विवेचना करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करवाई थी. मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 10 में न्यायाधीश आलोक शर्मा ने की. न्यायाधीश आलोक शर्मा ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को तर्कसंगत ठहराते हुए सभी को दोषी सिद्ध करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 2,10,000 का जुर्माना भी लगाया है.

Intro:रास्ते की जमीन को लेकर हुए विवाद में अधेड़ की हत्या और उसकी पत्नी और बेटी को मरणासन्न करने के मामले में 6 लोगों को उम्रकैद सजा सुनाई गई है साथ ही ₹210000 का जुर्माना भी लगाया गया है जुर्माना राशमी से 50 फ़ीसदी रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाने का भी कोर्ट ने निर्णय सुनाया है।




Body:आपको बता दूं अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव ताजपुर नौबस्ता में 2015 को घर के सामने खाली पड़ी भूमि को लेकर पड़ोसियों में चल रहे विवाद में एक पक्ष ने जानलेवा हमला कर पति पत्नी और बेटी को मरणासन्न कर दिया था जिसमें अधेड़ की मौत हो गई थी रिपोर्ट रमेश पुत्र कालीचरण अचलगंज थाने में दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया था कि शाम बहन सोनी खूंटे में बछिया बांधने जा रही थी कि तभी सामने रहने वाले विद्यासागर बुद्धि सागर गंगा सागर पुत्रगढ़ छेदीलाल छेदीलाल पुत्र अंगनू धनेश कुमार राजेश कुमार पुत्र गढ़ सदा सुख ने हमला कर दिया जिससे हमले में कालीचरण मां जमुना देवी बहन सोनी को बुरी तरह छोटे लग गई जिससे वह घायल हो गए जिससे पिता की मौत हो गई पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना की पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी मुकदमा की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 10 में न्यायाधीश आलोक शर्मा ने की न्यायाधीश आलोक शर्मा ने सरकारी वकील प्रेमचंद की दलीलों को तर्कसंगत ठहराते हुए सभी को दोष सिद्ध करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए ₹210000 का जुर्माना भी लगाया।

बाइट:--प्रेम चंद्र सरकारी वकील


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