उन्नाव: जिले के सरोसी ब्लॉक के ग्राम पंचायत कंजौरा व उसके आस-पास के गांव में बीते एक माह में बुखार, जुखाम व सांस उखड़ने से अब तक 20 से 25 अधिक मौत होने का दावा ग्रामीणों ने कैमरे पर किया है. करीब 20 हजार के आबादी के लिए लाइफ लाइन साबित होने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कंजौरा में बीते 25 दिनों से ताला लटक रहा है. जो कि स्वास्थ्य विभाग की एक लापरवाही दिखाने को काफी है.
बन्द पड़ी पीएचसी नहीं टूट रही अधिकारियों की नींद
उन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सरोसी ब्लॉक के गांव कजौरा में लगभग 25 साल पहले नये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण किया गया था. जहां डॉक्टर को ठहरने व मरीजों के भर्ती होने के बेड तक का इंतजाम है. आपको बता दें कि इस पीएचसी से 5 से 7 किलोमीटर के एरिया में आने वाले गांव, जगदीशपुर, ऐरा भादियार, बंदा खेड़ा, मोमिनपुर, जसुवापुर पंडित खेड़ा, मुन्ना खेड़ा, समेत अन्य गांवों के करीब 20 हजार की आबादी के लिए पीएचसी ही एकमात्र स्वास्थ्य सुविधा के लिए लाइफ लाइन है. मौजूदा समय में कोरोना की सबसे ज्यादा संक्रमण गांव में फैल रहा है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के स्वास्थ्य को लेकर अंजान बने हुए हैं.
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रियलिटी चेक में खुली पोल
बुधवार को पीएचसी कंजौरा का हाल जाना तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने निकल कर आई. कोरोना संक्रमण के पीक टाईम पर पीएचसी में ताला लटक रहा है. दवा की किट तो दूर मरीज को परामर्श देने वाला भी कोई नहीं है. बीमार होने पर ताला लटकता देख ग्रामीण झोलाछाप या फिर उन्नाव शहर इलाज के लिए भागने को मजबूर होते हैं. ग्रामीणों का दावा है कि 25 दिनों से बराबर ताला लटक रहा है. कोरोना संक्रमण काल में सर्दी जुखाम, बुखार व सांस उखड़ने से 20-25 लोग दम तोड़ चुके हैं. मौतों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. लोग दम तोड़ रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग को भनक तक नहीं है.
गांव में चलाया जाएगा अभियान
सीएमओ कैप्टन डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि अगर ऐसा है तो गांव में ट्रेसिंग अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी. सरोसी सीएचसी प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि कंजौरा ग्राम प्रधान से संपर्क कर पीड़ितों की जांच कराई जाए.