उन्नाव: जनपद में एंट्री के दौरान अब लोगों को कूड़ा देखकर नाक मुंह नहीं सिकोड़ना पड़ेगा. जी हां क्योंकि अब नगर पालिका क्षेत्र में गीले और सूखे कचरे के निस्तारण के लिए अट्ठारह मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी बायो मिथाईजिनेशन प्लांट बनाए जाएंगे. इसमें हर वार्ड का 10 से 15 किलो कूड़े का निस्तारण होगा. साथ ही गीले और सूखे कचरे को अलग कर खाद और गैस की बिक्री से स्थानीय निकाय को दो से तीन लाख रुपए रोज की आमदनी होगी. प्लांट को शहर में लगाने की योजना बना ली गई है. वहीं, 1 साल में यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो जाएगा.
दरअसल, शहर में कूड़ा उठाने के साथ उसके निस्तारण की अहम समस्या है. सड़कों पर कूड़ा डंप किया जा रहा है. ऐसे में एमआरएफ बायो मिथाईजिनेशन प्लांट शहर में लगाए जाएंगे. इन प्लांटों में कूड़ा को डालकर उसे ऊर्जा में परिवर्तित किया जाएगा. इतना ही नहीं प्रतिदिन प्रति प्लांट से 1 किलो घरेलू गैस और 2 किलो कंपोस्ट खाद बनेगी. कंपोस्ट खाद यूरिया और डीएपी से 10 गुना अधिक उर्वरक होती है और करीब 27 लाख से एक प्लांट लगाया जाएगा.
वहीं, इस प्लांट में कूड़ा घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से एकत्र कर सीधा पहुंचाया जाएगा. गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग चैंबर में एकत्रित किया जाएगा. साथ ही सड़क और मोहल्ले में भी गीले और सूखे कचरे के डस्टबिन लगाई जाएंगी, जिससे लोग कूड़ा डस्टबिन में ही डाल सकें.