उन्नावः जनपद में बत्तखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने से हड़कंप मच गया है. तालाब में रहने वाली 60 से अधिक बतखों को मारकर जमीन में गाड़ने का काम पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में डॉक्टरों ने किया है. वहीं तालाब के पास जाने से ग्रामीणों को प्रतिबंधित किया गया है. डीएम ने तालाब के पास का एक किलोमीटर का एरिया संक्रमित जोन घोषित किया है. वहीं दस किलोमीटर के एरिये को अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा पूरे इलाके में मीट मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. बर्ड फ्लू की दस्तक से लोगों मे भय का माहौल बना है.
बर्ड फ्लू की दस्तक
राजधानी से सटे उन्नाव मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर हड़हा गांव में 16 जनवरी को तालाब में पल रही 60 से अधिक बत्तखों में से तीन मृत पाई गईं. इस पर पशु चिकित्सा अधिकारी ने बर्ड फ्लू की जांच के लिए मृत बत्तखों के सैंपल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय उच्च शिक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल प्रयोगशाला में भेजा था. 21 जनवरी को आईं जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि होने के बाद लखनऊ से लेकर उन्नाव तक का प्रशासन में हड़कंप मच गया.
मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
सुबह से ही पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके सिंह की अगुवाई में रैपिड रेस्पॉन्स टीम ने वैज्ञानिक तरीके से तालब में पल रही बत्तखों को सुरक्षा के मद्देनजर मारकर जमीन में गाड़ दिया है. कारवाई के दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा. वहीं तालाब के पास जाने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है. इसके अलावा एक किलोमीर के एरिया को संक्रमित जोन घोषित कर दिया गया है. इस दायरे में आने वाले पॉल्ट्री फार्म की मुर्गियों को भी मारा जाएगा. जिसका शासन से तय मानक के तहत पॉल्ट्री फार्म मालिक को मुआवजा भी दिया जाएगा.
एक किलोमीटर का एरिया हुआ सील
डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद संक्रमण केंद्र से एक किमी क्षेत्र में आने वाले गांवों को संक्रमित जोन घोषित किया गया है. इन गांवों में बांस-बल्ली आदि से बैरीकेडिंग की जाएगी. क्षेत्र से पक्षियों के उत्पाद का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा. राजकीय पशु चिकित्सालय अचलगंज पर कंट्रोलरूम की स्थापना करते हुए 24 घंटे कार्य के लिए निर्देशित किया गया. वहीं 10 किमी क्षेत्र सर्विलांस जोन घोषित रहेगा.