उन्नाव: जिले में जहां एक तरफ योगी सरकार गंगा यात्रा निकालकर लोगों को अविरल और निर्मल गंगा बनाने का संदेश दे रही है. वहीं उन्नाव में 30 जनवरी और 31 जनवरी को निकलने वाली गंगा यात्रा को लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर नजर आ रहा है, लेकिन इन सबके बीच गंगा घाट के क्षेत्रों में अभी भी गंगा मैली हो रही है. गंगा को अशुद्ध बनाने का यह काम कोई फैक्ट्री नहीं बल्कि गंगा घाट नगर पालिका के अधिकारी ही कर रहे हैं.
गंगा में गिर रहा शहर का गंदा पानी
पूरे शहर का गंदा पानी निकलकर अभी भी बगैर ट्रीट हुए सीधे गंगा में गिर रहा है. वहीं हैरत की बात यह है कि ईटीवी के कैमरे में कैद यह नाला जिला प्रशासन को नजर नहीं आ रहा और सिर्फ खोखली दलील दी जा रही हैं. वही 30 जनवरी और 31 जनवरी को होने वाली गंगा यात्रा को सफल बनाने के लिए जिले के अधिकारी जमकर पसीना बहा रहे हैं. करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा में गिरने वाले नालों पर नगर पालिका रोक नहीं लगा पा रही है.
पैसा खर्च करने के बाद भी नहीं हुई सफाई
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गंगा यात्रा के जरिये जहां गंगा की अविरलता और निर्मलता के बारे में बताने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. वहीं 30 जनवरी को उन्नाव सीमा में प्रवेश करने वाली गंगा यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन पानी की तरह पैसे बहा रहा है. बैनर होर्डिंग और वाल पेंटिंग के जरिए कार्यक्रम की तैयारियों में प्रशासन के अधिकारी खूब पसीना बहा रहे हैं.
खोखले साबित हो रहे प्रशासनिक दावे
गंगा यात्रा के जरिये जिस गंगा नदी की अविरलता और निर्मलता के दावे प्रशासन कर रहा है. दरहसल वो पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं. नमामि गंगे के जिस घाट पर मंत्री से बड़े अफसर 31 जनवरी को गंगा यात्रा में भाग लेंगे. वहीं से चंद कदमों की दूरी पर नगर पालिका का नाला गंगा में सीधा गिर रहा है. पूरे शहर का गंदा पानी गंगा में गिराया जा रहा है. यही नहीं स्थानीय लोग भी प्रशासन के ऊपर सवाल खड़े कर रहे हैं और मोक्षदायिनी गंगा में स्नान करने से भी मना कर रहे हैं.
पांच -छह सालों से लगातार गंगा नदी में नाला गिर रहा है. कोई भी इसमें नहाने को तैयार नहीं है. मुझे कुछ ऐसा नहीं दिख रहा कि गंगा की साफ-सफाई हो रही हैं. गंदगी की वजह से यहां का माहौल भी बहुत खराब है.
-राजू, स्थानीय निवासी