उन्नाव: किसानों की फसल को आवारा गोवंशीय पशुओं से बचाने और मार्ग दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भले ही सूबे के मुख्यमंत्री ने गोशाला बनाकर उसमें गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने का आदेश दिया हो, लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है. शायद यही वजह है कि शुक्रवार को गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर साहब के ऑफिस में गोशाला बनवाने की फरियाद लेकर पहुंच गए. हालांकि उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी तो भूख प्यास से परेशान फरियादियों ने नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर अपनी भूख शांत की.
जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर शुक्रवार को दो गोवंशीय पशुओं की चहलकदमी ने योगी सरकार के उस दावे की पोल खोल दी, जिसके तहत किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोकने के लिए जिलों में गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही थी. दरअसल, आवारा गोवंशीय पशु किसानों की फसल को बर्बाद कर देते हैं जिसको लेकर किसान इन पशुओं को भगाने के लिए हमलावर भी हो जाते हैं.
सीएम ने हर जिले में गोशाला बनाने के दिए हैं आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं के भोजन-पानी की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे और इसके लिए एक करोड़ रुपये भी शासन ने भेज दिए थे, लेकिन इन बेजुबान जानवरों का चारा भी इन अधिकारियों ने नहीं छोड़ा और सिर्फ कागजों पर गोशाला चल रही है. इसी से परेशान होकर गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर ऑफिस अपनी फरियाद सुनाने पहुंच गए.
कागज को चबाकर भूख की शांत
वहीं भूख प्यास से परेशान इन फरियादियों की जब किसी ने नहीं सुनी तो नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर ही इन गोवंश ने अपनी भूख मिटाई. काफी समय तक यह गोवंश पशु कलेक्टर ऑफिस में फरियाद सुनाने के लिए डटे रहे, लेकिन इनकी फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो वह मायूस होकर लौट गए. वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस मामले पर बात की तो उन्होंने कहा कि कई पशु आक्रामक होते हैं, जिन पर काबू करना आसान नही होता है. इसी वजह से अभी सभी जानवरों की टैगिंग नहीं हो सकी है, इसके लिए हमारी कोशिश जारी है.