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जब डीएम ऑफिस में फरियाद लेकर पहुंचे आवरा पशु ! - cm yogi

जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर दो गोवंशीय पशुओं की चहलकदमी ने योगी सरकार के उस दावे की पोल खोल दी जिसके तहत किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोकने के लिए जिलों में गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही थी.

फरियाद लेकर कलेक्टर के ऑफिस में पहुंचे गोवंशीय पशु
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Published : Mar 15, 2019, 10:35 AM IST

Updated : Mar 15, 2019, 1:10 PM IST

उन्नाव: किसानों की फसल को आवारा गोवंशीय पशुओं से बचाने और मार्ग दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भले ही सूबे के मुख्यमंत्री ने गोशाला बनाकर उसमें गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने का आदेश दिया हो, लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है. शायद यही वजह है कि शुक्रवार को गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर साहब के ऑफिस में गोशाला बनवाने की फरियाद लेकर पहुंच गए. हालांकि उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी तो भूख प्यास से परेशान फरियादियों ने नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर अपनी भूख शांत की.

जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर शुक्रवार को दो गोवंशीय पशुओं की चहलकदमी ने योगी सरकार के उस दावे की पोल खोल दी, जिसके तहत किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोकने के लिए जिलों में गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही थी. दरअसल, आवारा गोवंशीय पशु किसानों की फसल को बर्बाद कर देते हैं जिसको लेकर किसान इन पशुओं को भगाने के लिए हमलावर भी हो जाते हैं.

फरियाद लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे गोवंशीय पशु.

सीएम ने हर जिले में गोशाला बनाने के दिए हैं आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं के भोजन-पानी की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे और इसके लिए एक करोड़ रुपये भी शासन ने भेज दिए थे, लेकिन इन बेजुबान जानवरों का चारा भी इन अधिकारियों ने नहीं छोड़ा और सिर्फ कागजों पर गोशाला चल रही है. इसी से परेशान होकर गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर ऑफिस अपनी फरियाद सुनाने पहुंच गए.

कागज को चबाकर भूख की शांत

वहीं भूख प्यास से परेशान इन फरियादियों की जब किसी ने नहीं सुनी तो नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर ही इन गोवंश ने अपनी भूख मिटाई. काफी समय तक यह गोवंश पशु कलेक्टर ऑफिस में फरियाद सुनाने के लिए डटे रहे, लेकिन इनकी फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो वह मायूस होकर लौट गए. वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस मामले पर बात की तो उन्होंने कहा कि कई पशु आक्रामक होते हैं, जिन पर काबू करना आसान नही होता है. इसी वजह से अभी सभी जानवरों की टैगिंग नहीं हो सकी है, इसके लिए हमारी कोशिश जारी है.

उन्नाव: किसानों की फसल को आवारा गोवंशीय पशुओं से बचाने और मार्ग दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भले ही सूबे के मुख्यमंत्री ने गोशाला बनाकर उसमें गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने का आदेश दिया हो, लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है. शायद यही वजह है कि शुक्रवार को गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर साहब के ऑफिस में गोशाला बनवाने की फरियाद लेकर पहुंच गए. हालांकि उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी तो भूख प्यास से परेशान फरियादियों ने नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर अपनी भूख शांत की.

जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर शुक्रवार को दो गोवंशीय पशुओं की चहलकदमी ने योगी सरकार के उस दावे की पोल खोल दी, जिसके तहत किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोकने के लिए जिलों में गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही थी. दरअसल, आवारा गोवंशीय पशु किसानों की फसल को बर्बाद कर देते हैं जिसको लेकर किसान इन पशुओं को भगाने के लिए हमलावर भी हो जाते हैं.

फरियाद लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे गोवंशीय पशु.

सीएम ने हर जिले में गोशाला बनाने के दिए हैं आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशुओं के भोजन-पानी की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे और इसके लिए एक करोड़ रुपये भी शासन ने भेज दिए थे, लेकिन इन बेजुबान जानवरों का चारा भी इन अधिकारियों ने नहीं छोड़ा और सिर्फ कागजों पर गोशाला चल रही है. इसी से परेशान होकर गोवंशीय पशु खुद कलेक्टर ऑफिस अपनी फरियाद सुनाने पहुंच गए.

कागज को चबाकर भूख की शांत

वहीं भूख प्यास से परेशान इन फरियादियों की जब किसी ने नहीं सुनी तो नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर ही इन गोवंश ने अपनी भूख मिटाई. काफी समय तक यह गोवंश पशु कलेक्टर ऑफिस में फरियाद सुनाने के लिए डटे रहे, लेकिन इनकी फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो वह मायूस होकर लौट गए. वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस मामले पर बात की तो उन्होंने कहा कि कई पशु आक्रामक होते हैं, जिन पर काबू करना आसान नही होता है. इसी वजह से अभी सभी जानवरों की टैगिंग नहीं हो सकी है, इसके लिए हमारी कोशिश जारी है.

Intro:उन्नाव:-- किसानों की फसल को आवारा गौवंशीय पशुओं से बचाने और मार्ग दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भले ही सूबे के मुख्यमंत्री ने गौशाला बनाकर उसमें गौवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने और भोजन पानी की व्यवस्था करने का आदेश दिया हो लेकिन उन्नाव के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के फरमान का कोई खौफ नहीं है शायद यही वजह है कि आज गौवंशीय पशु खुद कलेक्टर साहब के ऑफिस गौशाला बनाने की फरियाद लेकर पहुंच गए हालांकि उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी तो भूख प्यास से परेशान फरियादियों ने नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर अपनी भूख शांत की।


Body:उन्नाव के जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर आज 2 गौवंशीय पशुओं की चहल कदमी ने योगी सरकार के उस दावे की पोल खोल दी जिसके तहत किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोकने के लिए जिलों में गौशाला बनाकर आवारा गौवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखने की बात कही जा रही थी दरअसल आवारा गौवंशीय पशु किसानों की फसल को चौपट कर देते हैं जिसको लेकर किसान इन पशुओं को भगाने के लिए हमलावर भी हो जाते हैं और कई बार यह जानवर चुटहिल भी हो जाते हैं सड़कों पर भी कई बार हादसे का शिकार होना पड़ता है इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने गौशाला बनाकर आवारा गोवंशीय पशु के भोजन पानी की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे और इसके लिए 1 करोड़ रुपए भी शासन ने भेज दिए थे लेकिन इन बेजुबान जानवरों का चारा भी इन अधिकारियों ने नहीं छोड़ा और सिर्फ कागजों पर गौशाला चल रही है इसी से परेशान होकर आज गौवंशीय पशु खुद कलेक्टर के ऑफिस में अपनी फरियाद सुनाने पहुंच गए और इस ऑफिस से महफूज जगह उन्हें कहीं नहीं समझ में आई तो यहीं पर दोनों ने डेरा जमा लिया। वहीं भूख प्यास से परेशान इन फरियादियों की जब किसी ने नहीं सुनी तो नोटिस बोर्ड पर लगे कागज को चबाकर ही इन गोवंश ने अपनी भूख मिटाई। walk thru reporter


Conclusion:वही काफी समय तक यह गोवंश पशु कलेक्टर ऑफिस में फरियाद सुनाने के लिए डटे रहे लेकिन उनकी फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो वह मायूस होकर वापस लौट के वही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जब हमने इस मामले पर बात की तो उनकी माने तो कई आक्रामक पशु होते है जिन पर काबू करना आसान नही होता है इसी वजह से अभी सभी जानवरो की टैगिग नही हो सकी है इसके लिए हमारी कोशिश जारी है। बाईट--पी के सिंह (मुख्य पशु चिकित्साधिकारी) वीरेंद्र यादव उन्नाव मो-9839757000
Last Updated : Mar 15, 2019, 1:10 PM IST
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