उन्नाव: जिले में 8 साल पहले गंगा में मिले शवों की फोटो वीडियो को वर्तमान का बताकर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया था. जिसे लेकर उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने भ्रामक जानकारी देने और समाज में भ्रम पैदा करने को लेकर सूर्य प्रताप सिंह पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
पुरानी वीडियो पर किया था ट्वीट
दरअसल, कोविड काल के दौरान होने वाली मौतों में इजाफा होने के चलते उन्नाव के विभिन्न घाटों पर लाशों का अम्बार लग गया है. इसको लेकर परिजन शवों को कब्र बनाकर जमीन में दफन भी कर रहे हैं. उन्नाव में इसी कब्रों की खबर विभिन्न मीडिया संस्थानों ने अपने-अपने यहां दिखाई थी. जिसको लेकर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने 2014 में उन्नाव में गंगा में मिलीं लाशों के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर तंज कसा था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि 'जो योगी सरकार जिंदा में लोगों को इलाज नहीं दे पा रही है, वही योगी सरकार मृत शव को दफनाने के लिए हिंदू रीति-रिवाज से हटकर शव को दफना रही है.'
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2014 का बताया जा रहा वीडियो
सूर्य प्रताप सिंह ने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी अटैच किया था. जो साल 2014 का बताया जा रहा है. इस वीडिया को संज्ञान में लेते हुए उन्नाव के सदर कोतवाली पुलिस ने सूर्य प्रताप सिंह पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
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हालांकि यह पहला मामला नहीं है रिटायर्ड आईएएस के एक कारनामे को लेकर इससे पहले वाराणसी पुलिस भी कार्रवाई कर चुकी है. दरअसल, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने वाराणसी में कोविड मरीज का वीडियो ट्वीट कर उसे वायरल कर दिया था. इतना ही नहीं वीडियो में पूर्व आईएएस ने कोविड मरीज के लापता शव को नाले में पाए जाने का दावा किया था. जांच में वीडियो 24 अगस्त 2020 का निकला. अफवाह फैलाए जाने के आरोप में पूर्व आईएएस पर वाराणसी पुलिस ने कार्रवाई की थी.