उन्नाव: बांगरमऊ नगर के कटरा बिल्हौर मार्क पर बाबा बोधेश्वर महादेव मंदिर पर सावन के चौथे सोमवार को भक्तों की लाइन लगी रही. यह मंदिर करीब 4 सदी से आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ रही है.
बाबा बोधेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास:
- सावन के चौथे सोमवार को बाबा बोधेश्वर महादेव के दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी है, यह मंदिर कल्याणी नदी के तट पर स्थित है.
- किले की खुदाई के दौरान प्राप्त भगवानशेष लोगों को अक्सर पुराने और भव्य नगर के प्रमाण देते रहते हैं.
- पंचमुखी ज्योतिर्लिंग का पत्थर पाना अब दुर्लभ है और अनूठा पत्थर करीब 400 वर्ष पूर्व विलुप्त हो चुका है.
- भगवान शिव ने पुरातत्व राज नेवल के राजा को पंचमुखी शिवलिंग नंदी और नौ ग्रह स्थापित करने का बोध कराया था.
- पंचमुखी ज्योतिर्लिंग का शिव वाहन नंदी है. मंदिर में स्थित नौ ग्रह पर पाषाण कला के पच्चीकारों ने पच्चीकारी की है.
- ऐसी कला 15वीं शताब्दी में ही देखने को मिलती थी.
- भगवान भोलेनाथ के पंचमुखी ज्योतिर्लिंग में अक्सर नागों का जोड़ा लिपटे देखा गया है.
- अर्ध रात्रि में दर्जनों काले सांप मंदिर के अंदर अभी भी आते हैं और पंचमुखी शिवलिंग को स्पर्श कर वापस जंगल लौट जाते हैं.
- ऐसी मान्यता है कि पंचमुखी शिवलिंग के स्पर्श मात्र से गंभीर बीमारी से ग्रस्त हजारों रोगी पीड़ा मुक्त हो जाते हैं.