उन्नाव: 16 दिसम्बर को उन्नाव के हसनगंज कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता ने अपने साथ न्याय न होने के कारण पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की थी. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दुष्कर्म पीड़िता को बचा कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां गंभीर अवस्था में डॉक्टरों ने उसे कानपुर रेफर कर दिया था. 21 दिसम्बर को कानपुर के हैलेट अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई थी. मंगलवार को दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की. अखिलेश यादव ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी.
सरकार में लड़कियां नहीं हैं सुरक्षित
मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि जो भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि उनकी सरकार में महिलाओं की बात सबसे पहले सुनी जा रही है, उसी सरकार में उन्नाव में एक और लड़की ने न्याय न मिलने पर पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी के कार्यालय के बाहर जाकर आत्मदाह कर लिया, जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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न्याय के लिए भटक रही बेटियां
अखिलेश यादव ने बताया कि लखनऊ से वापस आ रहे थे तभी समाचार पत्र में पढ़ा कि बनारस में भी कल न्याय न मिलने के कारण एक दुष्कर्म पीड़िता ने परिवार संग जहर खा लिया है. सरकार पर तंज कसते सपा प्रमुख ने कहा कि आज दुष्कर्म पीड़िता इस दुनिया में नहीं है. उस दुष्कर्म पीड़िता ने अपने न्याय के लिए छोटे पुलिस अधिकारी से लेकर बड़े अधिकारी तक को पत्र लिखा, यह भी पता चला है कि उसने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला.
ऐसे में यह भारत का दुर्भाग्य है कि बेटियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. समाजवादी पार्टी दोनों दुष्कर्म पीड़िताओं को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करती है और पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद करने के लिए उनके साथ खड़ी है.