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दंगाइयों में उन्नाववासी का नाम, नोटिस के बाद घरवालों के उड़े होश

लखनऊ हिंसा में एक उन्नाव निवासी युवक को नोटिस जारी किया गया है. उस पर हिंसा करने का आरोप है. इस मामले में उन्नाव निवासी ज्ञानेंद्र सिंह के परिजनों का कहना है कि उन्हें नोटिस के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है. उसकी फोटो गलती से आ गई होगी. वे नोटिस से हैरान हैं.

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पीड़ित परिवार.
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Published : Dec 26, 2019, 4:12 PM IST

उन्नाव: राजधानी लखनऊ में CAA की आड़ में 19 दिसंबर की हिंसा के आरोपियों पर पुलिस ने कार्रवाई की कवायद तेज कर दी है. लखनऊ में हजरतगंज पुलिस ने 46 बलवाइयों की सूची तैयार की है. इनकी संपत्ति की कुर्की के लिए पुलिस ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इसमें उन्नाव के औरास थाना क्षेत्र के गांव कटरा निवासी ज्ञानेंद्र सिंह का भी नाम शामिल है.

दंगाइयों के नाम जारी हुई नोटिस.

परिजनों को नोटिस की जानकारी नहीं

ईटीवी भारत की टीम ने ज्ञानेंद्र सिंह के परिजनों से नोटिस के बारे में जानकारी ली. परिजनों ने बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह से 1 सप्ताह से बातचीत भी नहीं हुई है. ज्ञानेंद्र सिंह को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह दंगा करना तो दूर, किसी से लड़ाई भी नहीं करते.

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नोटिस की कॉपी.
सरकार कर रही कार्रवाई19 दिसंबर को सीएए और एनआरसी को लेकर लखनऊ में हिंसा करने वालों पर सीएम योगी ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. हिंसा करने वालों की संपत्ति कुर्क की जाएगी. इस पर प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगाइयों की पहचान की जा रही है. प्रशासन पहचान के आधार पर घरों में नोटिस भेजकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

क्या बोले परिजन
ईटीवी भारत ने ज्ञानेंद्र सिंह के छोटे भाई सुरेंद्र सिंह से नोटिस के संबंध में बात की. उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह बहुत ही सीधे और सुलझे व्यक्ति हैं. वह लखनऊ के एनवाई मॉल में इलेक्ट्रीशियन के पद पर काम करता है. वह दंगा नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि शायद कहीं आते-जाते सीसीटीवी में उनकी फोटो आ गई होगी. जिस कारण उनके नाम नोटिस जारी हुआ है.

वहीं शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नोटिस का पता उन्हें मीडिया से चला है. ज्ञानेंद्र सिंह से पिछले 1 सप्ताह से बात नहीं हुई है. हम लोग बात करने की कोशिश कर रहे हैं तो उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा है. ज्ञानेंद्र सिंह के परिवार में तीन भाई और दो बहनें हैं. वही पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं.

उन्नाव: राजधानी लखनऊ में CAA की आड़ में 19 दिसंबर की हिंसा के आरोपियों पर पुलिस ने कार्रवाई की कवायद तेज कर दी है. लखनऊ में हजरतगंज पुलिस ने 46 बलवाइयों की सूची तैयार की है. इनकी संपत्ति की कुर्की के लिए पुलिस ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इसमें उन्नाव के औरास थाना क्षेत्र के गांव कटरा निवासी ज्ञानेंद्र सिंह का भी नाम शामिल है.

दंगाइयों के नाम जारी हुई नोटिस.

परिजनों को नोटिस की जानकारी नहीं

ईटीवी भारत की टीम ने ज्ञानेंद्र सिंह के परिजनों से नोटिस के बारे में जानकारी ली. परिजनों ने बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह से 1 सप्ताह से बातचीत भी नहीं हुई है. ज्ञानेंद्र सिंह को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह दंगा करना तो दूर, किसी से लड़ाई भी नहीं करते.

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नोटिस की कॉपी.
सरकार कर रही कार्रवाई19 दिसंबर को सीएए और एनआरसी को लेकर लखनऊ में हिंसा करने वालों पर सीएम योगी ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. हिंसा करने वालों की संपत्ति कुर्क की जाएगी. इस पर प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगाइयों की पहचान की जा रही है. प्रशासन पहचान के आधार पर घरों में नोटिस भेजकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

क्या बोले परिजन
ईटीवी भारत ने ज्ञानेंद्र सिंह के छोटे भाई सुरेंद्र सिंह से नोटिस के संबंध में बात की. उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह बहुत ही सीधे और सुलझे व्यक्ति हैं. वह लखनऊ के एनवाई मॉल में इलेक्ट्रीशियन के पद पर काम करता है. वह दंगा नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि शायद कहीं आते-जाते सीसीटीवी में उनकी फोटो आ गई होगी. जिस कारण उनके नाम नोटिस जारी हुआ है.

वहीं शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नोटिस का पता उन्हें मीडिया से चला है. ज्ञानेंद्र सिंह से पिछले 1 सप्ताह से बात नहीं हुई है. हम लोग बात करने की कोशिश कर रहे हैं तो उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा है. ज्ञानेंद्र सिंह के परिवार में तीन भाई और दो बहनें हैं. वही पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं.

Intro:19 दिसंबर को हुई हिंसा में हिंसा करने वालों को जहां पुलिस ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है वहीं उन्नाव के औरास थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कटरा गांव के रहने वाले ज्ञानेंद्र सिंह के नाम भी एक नोटिस जारी हुआ है वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने ज्ञानेंद्र सिंह के परिवार से इस नोटिस के बारे में जानकारी ली तो परिवार को उस नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है बताया यहां तक कि ज्ञानेंद्र सिंह से भी उनकी बात लगभग 1 सप्ताह से नहीं हुई है जैसे ही परिवार को नोटिस का पता चला तो परिवार एकदम से सकते में आ गया और ज्ञानेंद्र सिंह को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह दंगा करने की बात तो दूर किसी से लड़ाई भी नहीं करते।




Body:
19 दिसंबर को सीए व एनआरसी को लेकर लखनऊ में हुई प्रदर्शनकारियों के द्वारा हिंसा के बाद जहां योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई दंगाइयों की संपत्ति को नीलाम करके की जाएगी वही दंगाइयों को वीडियो वा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम की जाएगी वही योगी सरकार के आदेश के बाद जहां प्रशासन हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन लोगों को ढूंढ कर उन्हें जेल भेज रहा है वहीं उनके घर नोटिस भेजकर कोर्ट में पेश होने को भी कह रहा है ऐसे में एक नोटिस उन्नाव के औरास थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कटरा गांव के रहने वाले ज्ञानेंद्र सिंह के नाम भी जारी हुई है।




Conclusion:वहीं जब ईटीवी भारत ने ज्ञानेंद्र सिंह के छोटे भाई सुरेंद्र सिंह से इस नोटिस के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह बहुत ही सुलझे नेचर का व्यक्ति है वह लखनऊ के एनवाई मॉल में इलेक्ट्रीशियन के पद पर काम करता है वह दंगा नहीं कर सकते उन्होंने बताया कि शायद कहीं आते-जाते हुए सीसीटीवी में उनकी फोटो आ गई होगी जिस कारण उनके नाम नोटिस जारी हुई है वहीं शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नोटिस का पता उन्हें मीडिया के द्वारा हुआ है इसके पहले उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं हुई है वहीं उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र सिंह से पिछले 1 सप्ताह से बात नहीं हुई है जब हम लोग बात करने की कोशिश कर रहे हैं तो उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा है वही ज्ञानेंद्र सिंह के परिवार में तीन भाई व दो बहने हैं वही पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं जैसे ही नोटिस के बारे में परिवार को पता चला तो परिवार एकदम से चौक गया और ज्ञानेंद्र सिंह को निर्दोष बताने लगा।

बाइट:--शैलेंद्र सिंह ज्ञानेंद्र का भाई।
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