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कानपुर में परिजनों संग दिल्ली से पैदल चलकर आए 14 बच्चों की मददगार बनी रेलवे चाइल्ड लाइन - railway childline

दिल्ली से पैदल चलकर कानपुर पहुंचे कुछ बच्चे और उनके परिवार की रेलवे चाइल्डलाइन की टीम ने मदद की. टीम ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की और परिजनों को ट्रेन से गया (बिहार) भेजा.

रेलवे चाइल्ड लाइन ने की मदद
रेलवे चाइल्ड लाइन ने की मदद
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Published : May 10, 2021, 5:02 PM IST

कानपुर : रेलवे चाइल्ड लाइन 1098 को स्वयं सेवकों के माध्यम से कुछ बच्चों के दिल्ली से कानपुर पैदल चलकर आने की सूचना प्राप्त हुई. सूचना मिलते ही रेलवे चाइल्डलाइन की टीम बच्चों के पास पहुंची और उनके परिजनों से मिली. इसके बाद पीड़ितों ने अपना दर्द रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम को बताया.

रेलवे चाइल्ड लाइन ने की खाने-पीने की व्यवस्था

पीड़ितों ने चाइल्ड लाइन के सदस्यों को बताया कि हम 2 दिन से भूखे हैं. दिल्ली से पैदल चलकर कानपुर तक आ गए हैं. अब हमारे पास वापस आगे जाने की ताकत नहीं बची है. बताया कि वह लोग गया, बिहार के रहने वाले हैं. अब उनके पास पैसे भी नहीं बचे हैं. इस पर रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के समन्वयक गौरव सचान ने बच्चों और उनके परिजनों के खाने पीने की व्यवस्था की.

इसे भी पढ़ें- CO की फर्जी आइडी से मांगे रुपये, साइबर सेल कर रही जांच

इसके बाद स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय से बात कर और रेलवे प्रशासन का सहयोग लेकर बच्चों और उनके परिजनों को ट्रेन के माध्यम से गया बिहार भेजा गया. परिजनों और उनके बच्चों ने रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर और रेलवे प्रशासन का आभार व्यक्त किया.

रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के निदेशक कमल कांत तिवारी ने सभी से अपील की कि अगर किसी को कोई मुसीबत में फंसा हुआ बच्चा दिखाई दे तो उसकी मदद के लिए और चाइल्डलाइन के नि:शुल्क नंबर 1098 पर सूचना दें ताकि बच्चों की समय रहते मदद की जा सके.

कानपुर : रेलवे चाइल्ड लाइन 1098 को स्वयं सेवकों के माध्यम से कुछ बच्चों के दिल्ली से कानपुर पैदल चलकर आने की सूचना प्राप्त हुई. सूचना मिलते ही रेलवे चाइल्डलाइन की टीम बच्चों के पास पहुंची और उनके परिजनों से मिली. इसके बाद पीड़ितों ने अपना दर्द रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम को बताया.

रेलवे चाइल्ड लाइन ने की खाने-पीने की व्यवस्था

पीड़ितों ने चाइल्ड लाइन के सदस्यों को बताया कि हम 2 दिन से भूखे हैं. दिल्ली से पैदल चलकर कानपुर तक आ गए हैं. अब हमारे पास वापस आगे जाने की ताकत नहीं बची है. बताया कि वह लोग गया, बिहार के रहने वाले हैं. अब उनके पास पैसे भी नहीं बचे हैं. इस पर रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के समन्वयक गौरव सचान ने बच्चों और उनके परिजनों के खाने पीने की व्यवस्था की.

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इसके बाद स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय से बात कर और रेलवे प्रशासन का सहयोग लेकर बच्चों और उनके परिजनों को ट्रेन के माध्यम से गया बिहार भेजा गया. परिजनों और उनके बच्चों ने रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर और रेलवे प्रशासन का आभार व्यक्त किया.

रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के निदेशक कमल कांत तिवारी ने सभी से अपील की कि अगर किसी को कोई मुसीबत में फंसा हुआ बच्चा दिखाई दे तो उसकी मदद के लिए और चाइल्डलाइन के नि:शुल्क नंबर 1098 पर सूचना दें ताकि बच्चों की समय रहते मदद की जा सके.

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