लखनऊ: भारत सरकार की स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी वाले गांवों में लोगों को उनके घर का मालिकाना हक दिया जाएगा. विभाग के द्वारा सभी भवन स्वामियों को उससे संबंधित कागजात मिलेंगे और उन कागजातों के आधार पर वह बैंक द्वारा लोन सहायता ले सकेंगे. वहीं दूसरी ओर पंचायती राज विभाग के द्वारा हाउस टैक्स भी वसूला जाएगा, जिससे ग्राम पंचायत की आमदनी बढ़ेगी.
शनिवार को राजधानी लखनऊ में निदेशक कार्यालय पंचायती राज विभाग में केंद्र सरकार के पंचायती राज सचिव के नेतृत्व में एक बैठक की गई. इस बैठक में अध्यक्षता करते हुए पंचायती राज विभाग सचिव भारत सरकार सुनील कुमार ने प्रदेश के सभी बड़े पंचायती राज अधिकारियों को निर्देशित किया और स्वामित्व योजना के अंतर्गत कार्य करने के दिशा निर्देश दिए.
ग्रामीण आबादी के नागरिकों को मिलेगा यह लाभ:
- संपत्ति के मालिक को मालिकाना हक प्राप्त होगा.
- मालिकाना हक से ग्रामवासी ऋण आदि लेने में सक्षम होंगे.
- गांव के आबादी क्षेत्र का रिकॉर्ड पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे.
- संपत्ति के स्पष्ट आंकलन एवं स्वामित्व का निर्धारण होने से उनके मूल में भी वृद्धि होगी.
ग्राम पंचायतों को योजना से मिलेंगे यह लाभ:
- पंचायतों द्वारा कर संग्रह करना संभव होगा.
- आमदनी से ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी.
- गांव का सटीक मानचित्र रिकॉर्ड उपलब्ध होगा.
- रिकॉर्ड का उपयोग गृह कर वसूली, भवन निर्माण हेतु परमिट जारी करने, अवैध कब्जा समाप्त करने में किया जाएगा.
पंचायती राज भवन में हुई बैठक के बारे में उप निदेशक प्रवीणा चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार पंचायती राज सचिव सुनील कुमार ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को स्वामित्व योजना को पूरा करने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं. इस दौरान योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को कई लाभ मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर इससे पंचायत को भी फायदा होगा. स्वामित्व योजना का शुभारंभ बाराबंकी से किया गया है.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सचिव के दिशा निर्देशन में हम लोग इस योजना को अग्रसर सफल बनाने का प्रयास करेंगे. इस दौरान प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह, उपनिदेशक संयुक्त सचिव आलोक नगर भारत सरकार, उप निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश प्रवीण चौधरी सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे. ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की ओर ले जाने के लिए तमाम सुझाव दिए गए.