लखनऊ: कोरोना संक्रमण के बीच जवाहर और इंदिरा भवन कर्मचारी संगठन ने सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना रोस्टर के शासनादेश के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि महामारी में आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को ही ड्यूटी पर बुलाया जाए.
जारी हुए रोस्टर को लेकर कर्मचारी संगठनों में नाराजगी
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में योगी सरकार द्वारा सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए कोरोना से संबंधित रोस्टर शासनादेश जारी किया गया है. सरकार द्वारा जारी किए गए रोस्टर शासनादेश को लेकर जवाहर और इंदिरा भवन कर्मचारी संगठन ने नाराजगी जाहिर की है. महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मौजूदा हालात काफी भयावह हैं. सरकारी कर्मचारी लगातार संक्रमित हो रहे हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी हैं.
महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि महामारी की दूसरी लहर में जरूरी सेवाओं से जुड़े हुए सरकारी विभागों के कर्मचारियों को बुलाया जाए. सुशील कुमार बच्चा ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए लॉकडाउन के दिशानिर्देशों को लेकर सरकार द्वारा सिर्फ आवश्यक दुकानों और बाजारों को खोलने के आदेश दिए गए हैं. मगर कर्मचारियों के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है. सरकारी विभागों में 50% कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाएगा.
आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को लगाया जाए ड्यूटी पर
जवाहर और इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने पिछले साल जारी किए गए कोरोना रोस्टर का हवाला देते हुए कहा कि 20 अप्रैल 2020 को जारी किए गए शासनादेश में आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया था. कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कहीं ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. बावजूद इसके सभी विभागों के 50% कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया जा रहा है. इस दौरान अमित शुक्ला, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, रामकुमार, अनुराग भदौरिया, अभिनव पाठक, अमित खरे, सहित महासंघ के तमाम पदाधिकारियों ने रोस्टर का विरोध किया.
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