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बीएचयू: 10 कोरोना पॉजिटिव शिशुओं को स्वस्थ होने के बाद भेजा गया घर - सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड संक्रमित शिशुओं का इलाज

यूपी के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड संक्रमित नवजात शिशुओं के लिए शिशु गहन चिकित्सा इकाई बनाया गया है. जहां 10 कोरोना संक्रमित शिशुओं को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया. सभी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं.

बीएचयू.
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Published : Sep 5, 2020, 12:39 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड संक्रमित नवजात शिशुओं के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है. इस नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में 15 बेड हैं और यहां कोविड उपचार की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. जन्म लेने वाले शिशु को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह तैयार है. जो भी संभव प्रयास है वह किया जा रहा है.

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • शिशु गहन चिकित्सा इकाई में शिशुओं के इलाज के लिए 15 बेड की व्यवस्था.
  • इलाज के दौरान एहतियात बरतते हुए माताओं ने अपने शिशुओं को कराया स्तनपान.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगातार कोविड-19 को लेकर लापरवाही का मामला सामने आ रहा था. इसे देखते हुए अब राहत भरी खबर मिली है. विवि के सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड जांच के दौरान 10 शिशु जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनका शिशु गहन चिकित्सा इकाई में इलाज किया गया. इलाज के बाद सभी शिशु पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. अब सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

ये इकाई उन तमाम सुविधाओं से लैस है, जिनकी जरूरत कोरोना संक्रमित शिशुओं के इलाज के लिए होती है. मार्च में लॉकडाउन लागू होने से लेकर अब तक यहां 178 नवजात शिशुओं का परीक्षण किया जा चुका है. इनमें से 10 शिशु पॉजिटिव पाए गए थे. इन सभी को उत्तम देखभाल व उपचार उपलब्ध कराया गया, जिससे वे स्वस्थ होकर घर भेजे गए. इस दौरान निरन्तर यह प्रयास किया गया कि नवजात शिशुओं को मां का दूध मिले. इसके लिए दिशा-निर्देश के तहत एहतियात बरतते हुए माताओं ने अपने शिशुओं को स्तनपान कराया.

प्रो. अशोक कुमार, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई के प्रभारी

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड संक्रमित नवजात शिशुओं के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है. इस नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में 15 बेड हैं और यहां कोविड उपचार की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. जन्म लेने वाले शिशु को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह तैयार है. जो भी संभव प्रयास है वह किया जा रहा है.

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • शिशु गहन चिकित्सा इकाई में शिशुओं के इलाज के लिए 15 बेड की व्यवस्था.
  • इलाज के दौरान एहतियात बरतते हुए माताओं ने अपने शिशुओं को कराया स्तनपान.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगातार कोविड-19 को लेकर लापरवाही का मामला सामने आ रहा था. इसे देखते हुए अब राहत भरी खबर मिली है. विवि के सर सुन्दरलाल अस्पताल में कोविड जांच के दौरान 10 शिशु जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनका शिशु गहन चिकित्सा इकाई में इलाज किया गया. इलाज के बाद सभी शिशु पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. अब सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

ये इकाई उन तमाम सुविधाओं से लैस है, जिनकी जरूरत कोरोना संक्रमित शिशुओं के इलाज के लिए होती है. मार्च में लॉकडाउन लागू होने से लेकर अब तक यहां 178 नवजात शिशुओं का परीक्षण किया जा चुका है. इनमें से 10 शिशु पॉजिटिव पाए गए थे. इन सभी को उत्तम देखभाल व उपचार उपलब्ध कराया गया, जिससे वे स्वस्थ होकर घर भेजे गए. इस दौरान निरन्तर यह प्रयास किया गया कि नवजात शिशुओं को मां का दूध मिले. इसके लिए दिशा-निर्देश के तहत एहतियात बरतते हुए माताओं ने अपने शिशुओं को स्तनपान कराया.

प्रो. अशोक कुमार, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई के प्रभारी

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