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सुलतानपुर : डूडा विभाग दिलाएगा कामगीरों को रोजगार

रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे कामगीरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए डूडा विभाग ने विशेष पहल की है. इससे इन कामगीरों को काम उपलब्ध कराया जाएगा.

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Published : Oct 11, 2019, 5:05 PM IST

शहरी आजीविका केंद्र भटक रहे कामगीरों दिलाएगा रोजगार

सुलतानपुर : जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो कामगीर हैं. उन्हें काम का हुनर आता है संसाधन भी हैं, लेकिन अवसर की तलाश है. कुछ चुनिंदा लोगों को बड़े प्रतिष्ठानों से जुड़ने की वजह से अवसर मिलते हैं. बड़े संख्या में बेरोजगार काम गिरोह को रोजगार मुहैया कराने के लिए डूडा ने विशेष पहल की है. सुलतानपुर जिला मुख्यालय पर शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की जा रही है. जहां इन बेरोजगारों का पंजीकरण किया जाएगा. इन्हें काम दिया जाएगा.

शहरी आजीविका केंद्र भटक रहे कामगीरों दिलाएगा रोजगार
पेयजल आपूर्ति करने वाले फिटर, इलेक्ट्रिशियन, घर निर्माण करने वाले राजगीर और कामगीर, रंगाई पुताई करने वाले पेंटर और पुताई स्पेशलिस्ट.गाड़ियों के मेंटेनेंस और हाईवे पर खराब होने की दशा में मरम्मत की जरूरत. ऐसे जरूरतमंदों को तत्काल कामगीर तकनीशियन मुहैया कराने के लिए डूडा विभाग की शहरी आजीविका केंद्र पहल है. इसके जरिए इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा और काम उपलब्ध कराया जाएगा.

जिनके पास रोजगार नहीं है. उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए इनका शहरी आजीविका केंद्र में पंजीकरण किया जाएगा. इन कामगीरों में पुताई, इलेक्ट्रिशियन, फिटर समेत अन्य तकनीकी दक्षता शामिल हैं. सरकार की जो संस्थाएं हैं. वहां इन्हें प्लेसमेंट दिलाया जाएगा. बाजार में जो व्यापारियों के काम है. वहां भी उन्हें भेज कर इन्हें रोजगार दिलाया जाएगा. इसके लिए बाकायदा शहरी आजीविका केंद्र से टोल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे.
विमल कुमार मिश्र , परियोजना निदेशक

सुलतानपुर : जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो कामगीर हैं. उन्हें काम का हुनर आता है संसाधन भी हैं, लेकिन अवसर की तलाश है. कुछ चुनिंदा लोगों को बड़े प्रतिष्ठानों से जुड़ने की वजह से अवसर मिलते हैं. बड़े संख्या में बेरोजगार काम गिरोह को रोजगार मुहैया कराने के लिए डूडा ने विशेष पहल की है. सुलतानपुर जिला मुख्यालय पर शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की जा रही है. जहां इन बेरोजगारों का पंजीकरण किया जाएगा. इन्हें काम दिया जाएगा.

शहरी आजीविका केंद्र भटक रहे कामगीरों दिलाएगा रोजगार
पेयजल आपूर्ति करने वाले फिटर, इलेक्ट्रिशियन, घर निर्माण करने वाले राजगीर और कामगीर, रंगाई पुताई करने वाले पेंटर और पुताई स्पेशलिस्ट.गाड़ियों के मेंटेनेंस और हाईवे पर खराब होने की दशा में मरम्मत की जरूरत. ऐसे जरूरतमंदों को तत्काल कामगीर तकनीशियन मुहैया कराने के लिए डूडा विभाग की शहरी आजीविका केंद्र पहल है. इसके जरिए इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा और काम उपलब्ध कराया जाएगा.

जिनके पास रोजगार नहीं है. उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए इनका शहरी आजीविका केंद्र में पंजीकरण किया जाएगा. इन कामगीरों में पुताई, इलेक्ट्रिशियन, फिटर समेत अन्य तकनीकी दक्षता शामिल हैं. सरकार की जो संस्थाएं हैं. वहां इन्हें प्लेसमेंट दिलाया जाएगा. बाजार में जो व्यापारियों के काम है. वहां भी उन्हें भेज कर इन्हें रोजगार दिलाया जाएगा. इसके लिए बाकायदा शहरी आजीविका केंद्र से टोल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे.
विमल कुमार मिश्र , परियोजना निदेशक

Intro:स्पेशल स्टोरी
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शीर्षक : सुलतानपुर : यह शहरी आजीविका केंद्र जहां भटक रहे कामगीरों को मिलेगा रोजगार।



एंकर : सुल्तानपुर जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो कामगीर हैं। उन्हें काम का हुनर आता है। संसाधन भी हैं, लेकिन अवसर की तलाश है। महज चुनिंदा लोगों को बड़े प्रतिष्ठानों से जुड़ने की वजह से अवसर मिलते हैं। बड़े संख्या में बेरोजगार काम गिरोह को रोजगार मुहैया कराने के लिए ढूंढा ने विशेष पहल की है । सुल्तानपुर जिला मुख्यालय पर शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना की जा रही है। जहां इन बेरोजगारों का पंजीकरण किया जाएगा। इन्हें काम दिया जाएगा।


Body:वीओ : पेयजल आपूर्ति करने वाले फिटर, इलेक्ट्रिशियन, घर निर्माण करने वाले राजगीर और कामगीर, रंगाई पुताई करने वाले पेंटर और पुताई स्पेशलिस्ट। इसके अलावा भी जो तकनीकी क्षेत्र हैं। गाड़ियों के मेंटेनेंस और हाईवे पर खराब होने की दशा में मरम्मत की जरूरत। ऐसे जरूरतमंदों को तत्काल कामगीर तकनीशियन मुहैया कराने के लिए डूडा विभाग की यह पहल है शहरी आजीविका केंद्र। जिसके जरिए इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा और काम उपलब्ध कराया जाएगा।


बाइट : परियोजना निदेशक कहते हैं कि बहुत से ऐसे काम किए लोग हैं। जिनके पास रोजगार नहीं है। उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए इनका शहरी आजीविका केंद्र में पंजीकरण किया जाएगा। इन कामगीरों में पुताई, इलेक्ट्रिशियन, फिटर समेत अन्य तकनीकी दक्षता शामिल हैं। सरकार की जो संस्थाएं हैं। वहां इन्हें प्लेसमेंट दिलाया जाएगा। बाजार में जो व्यापारियों के काम है। वहां भी उन्हें भेज कर इन्हें रोजगार दिलाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा शहरी आजीविका केंद्र से टोल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे।


Conclusion:वाइस ओवर : शहरी आजीविका केंद्र उन सैकड़ों हजारों काम कीड़ों को रोजगार देगा। जो रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं। बहुत कम कीमत पर उन्हें लंबे समय तक काम करना पड़ता है और उचित पारिश्रमिक भी नहीं मिलता है। टोल फ्री नंबर से तत्काल उन्हें काम उपलब्ध कराया जाएगा । पंजीकरण रहेगा और काम कराने वाले लोगों को धोखाधड़ी और झांसेबाजी का शिकार नहीं होना पड़ेगा।





आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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