लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के वितरण खंडों में अधीक्षण अभियंताओं की तैनाती है. कई उपखंडों को मिलाकर एक अधीक्षण अभियंता तैनात किया जाता है. इसका काम सभी उपकेंद्रों का सुपरविजन करना होता है, लेकिन इसी काम में अधीक्षण अभियंताओं की लापरवाही उजागर हो रही है. इससे पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष काफी खफा हैं. सूत्र बताते हैं कि उन्होंने यहां तक कह दिया है कि जल्द ही अधीक्षण अभियंता वितरण का पद ही खत्म कर दिया जाए.
बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता और मेरठ के एसडीओ को अध्यक्ष ने सस्पेंड कर दिया और कई अफसरों को एडवर्स एंट्री देने के निर्देश दिए. पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने मंगलवार को प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर रहे थे. यूपीपीसीएल अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कहा की सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बेहतर रहे. उन्होंने निर्देशित किया कि स्थानीय दोषों को कम से कम समय में ठीक किया जाये. ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त न हों इस पर पूरा ध्यान दिया जाये और अधिक लोड बढ़ने के कारण अगर ट्रासंफारर्मर क्षतिग्रस्त होता है तो सम्बन्धित जेई और लाइनमैन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक ग्रुप बनाया जाए, जिसमें सिर्फ ट्रांसफारर्मर अपग्रेडेशन से सम्बिन्धत कार्य की सूचना हो, जिससे उन्हें निर्धारित अवधि में हरहाल में बदल जा सके. स्थानीय दोषों या अन्य किसी भी कारण से विद्युत बाधित होने पर संचार माध्यमों से लोगों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाये कि किन कारणों से बिजली बाधित है और कब तक ठीक हो जायेगी. उपभोक्ताओं का फोन उठायें और पूरी सूचना दें.
जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक लाइन हानियां हैं वहां चोरी की ज्यादा संभावना रहती है, इसलिये सबसे पहले यहां अभियान चलाकर हर कनेक्शन की जांच हो. विद्युत चोरी पर अंकुश लगाया जा सके जिससे रेवन्यू में सुधार हो. बिजनेस प्लान 2024-25 के कार्य तत्काल प्रारभ कराया जाए जिससे अगले साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली व्यस्था मिल सके. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर भी प्राथमिकता के साथ सरकारी कार्यालयों और भवनों के साथ-साथ कारखानों और व्यसायिक प्रतिष्ठानों में लगाया जाए जाए.
समीक्षा बैठक में खराब रेवन्यू कलेक्शन और एटीएनसी लॉस को लेकर मेरठ के एसडीओ रविन्द्र बाबू, अधीक्षण अभियन्ता, बुलन्दशहर को सस्पेंड करने के साथ कई मुख्य अभियन्ताओं से लेकर अधीक्षण अभियन्ता तक को कडी फटकार लगाई. चेतावनी के साथ-साथ एडवर्स एन्ट्री दिये जाने के निर्देश दिये. असिस्टेड बिलिंग, नेवर पेड उपभोक्ता, रेवन्यू कलेक्शन, आईडीएफ प्रकरण, 10 किलोवाट से ऊपर के उपभोक्ताओं पर शतप्रतिशत डबल मीटरिंग, विद्युत चोरी रोकने, सही बिलिंग, झटपट एवं निवेश मित्र और आरडीएसएस के तहत जो पैसा केन्द्र सरकार ने दिया है उसका उपयोग करते हुये योजना के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाए.
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