सुलतानपुर : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को न्यायालय से जेल भेज दिया. अभियुक्त डॉ रजनीश के सरेंडर अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. वहीं इस फैसले के वक्त न्यायालय में गहमागहमी का माहौल देखा गया. सुरक्षा व्यवस्था में खाकी मुस्तैद रही.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पीए बताए जाने वाले विजय गुप्ता ने मुसाफिरखाना थाने में 23 नवंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें अंतरराष्ट्रीय शूटर और राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता वर्तिका सिंह समेत तीन लोगों को नामजद किया गया था. इस मामले में डॉ रजनीश सिंह फरार चल रहे थे. वारंट और कुर्की की कार्रवाई के बाद उन्होंने शुक्रवार को सुलतानपुर जिला एवं सत्र न्यायालय की एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश पीके जयंत ने सरेंडर अर्जी पर सुनवाई करने के बाद, मुलजिम डॉ रजनीश को जेल भेजने का आदेश दिया है. अभी अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह और एक अन्य अभियुक्त फरार बताए जा रहे हैं.
आप को बता दें, वर्तिका सिंह की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र एमपी एमएलए कोर्ट में विगत दिनों दिया गया था. जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया था. यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है. इस प्रकरण में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व उनके सहयोगी विजय गुप्ता और एक भाजपा नेता को आरोपी बनाया गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा इसी न्यायालय में चल रहा है.
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता ने मुसाफिरखाना में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें वर्तिका सिंह और डॉ रजनीश को आरोपी बनाया गया था. मामले में हाईकोर्ट ने डॉ रजनीश की FIR रद्द करने की अर्जी को खारिज कर दिया और अरेस्टर से संबंधित सहूलियत देने से भी इनकार कर दिया. मामले में डॉ रजनीश के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई कोर्ट से की गई थी. जिसके अनुपालन में उन्होंने आज न्यायालय में सरेंडर किया. उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई एमपी एमएलए कोर्ट की तरफ से की जा रही है.