सुलतानपुरः पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की नजर में 'मुर्दा' समाज के लिए खतरा बने हुए हैं. ऐसा ही एक वाकया अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडे की अदालत से जारी आदेश में सामने आया है. जिसमें 1 साल पूर्व सड़क हादसे में मृतक व्यक्ति को जिला बदर कर दिया गया है. इस कार्रवाई से प्रशासनिक अफसरों की किरकिरी हो रही है.
दरअसल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की न्यायालय की ओर से 10 बदमाशों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई सुनिश्चित की गई है. एडीएम एफआर मनोज कुमार पांडे की कोर्ट ने गुंडा एक्ट की सूची में सुरेन्द्र यादवग्राम सियरा भारी थाना जयसिंहपुर, आदिल ग्राम गंगेव, बब्बे सिंह ग्राम जोलीमीरगंज, इंद्रमणि तिवारी ग्राम टिकरी, वरुण सिंह ग्राम अंदारायपुर, दीपक मोदनवाल कस्बा मोतिगरपुर, शुभम पाण्डेय ग्राम रायबिगो, सुरजीत ग्राम रायविगो और आकाश सिंह उर्फ मोनू ग्राम रामदासपुर को 6 माह के लिए जिला बदर किया गया है.
जबकि वरुण सिंह पुत्र शेषनाथ ग्राम अंदारायपुर की लगभग 1 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. न्यायालय पर कार्रवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह भी मुनासिब नहीं समझा कि मृतक को जिला बदर की कार्रवाई से बाहर कर दिया जाना चाहिए. फिलहाल न्यायिक मजिस्ट्रेट की यह कार्रवाई पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडे कहना है कि सूची की जांच की जा रही है. मृतक का नाम हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.
कादीपुर कोतवाल रवि कुमार सिंह ने बताया कि 2020 में हुई गुंडा एक्ट की कार्रवाई की रिपोर्ट न्यायालय भेजी गई थी. लगभग 1 वर्ष पूर्व जिला बदर सूची में शामिल वरुण सिंह की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. सूची को अपडेट कर न्यायालय भेजा जा रहा है.
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