ETV Bharat / state

ग्राम प्रधानों की लापरवाही से परफॉर्मेंस ग्रांट से वंचित हुआ सुलतानपुर

यूपी के सुलतानपुर में ग्राम प्रधानों की लापरवाही का खामियाजा ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ा है. जिले में प्रधानों की तरफ से प्रत्येक वर्ष की ऑडिट नहीं कराए जाने की वजह से लापरवाही ग्रांट के लिए एक भी ग्राम पंचायत का चयन नहीं हो सका.

author img

By

Published : Jan 23, 2020, 12:52 AM IST

etv bharat
जन सुनवाई करतीं जिलाधिकारी.

सुलतानपुरः ग्राम प्रधानों के कंधों पर पर ग्राम्य विकास का जिम्मा होता है. जब वही कर्तव्यविमूढ़ हो जाएं, तो ग्राम विकास की रफ्तार का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाएगा. कुछ ऐसा ही सुलतानपुर की ग्राम पंचायतों के साथ हुआ. 92 ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट आनी थी, लेकिन प्रधानों की तरफ से प्रत्येक वर्ष की ऑडिट नहीं कराए जाने की वजह से परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए एक भी ग्राम पंचायत का चयन नहीं हो सका. ऐसे में शासन से भेजी गई इमदाद का कोई लाभ जिले को नहीं मिल पाया.

परफॉर्मेंस ग्रांट से वंचित हुआ सुलतानपुर.

मामला विकास विभाग की तरफ से आने वाले परफॉर्मेंस ग्रांट से जुड़ा हुआ है. सरकार की तरफ से 90 फीसदी धनराशि उन ग्राम में विकास के लिए भेजी जाती है, जो ग्राम पंचायतें बेहतर रोजगार के अवसर और कमाऊ ग्राम पंचायतें बनती हैं. कुल धनराशि में 10% का परफॉर्मेंस ग्रांट का हिस्सा होता है, लेकिन सुलतानपुर में प्रधानों की लापरवाही से एक भी ग्राम पंचायत को परफॉर्मेंस ग्रांट नहीं मिल सका.

जिलाधिकारी इंदुमती ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसके लिए आवेदन की कार्यवाही शुरू की गई. इसमें 92 ग्राम पंचायतों ने आवेदन किया था. पात्रता के आधार पर पात्र ग्राम पंचायतों को चयन करने की प्रक्रिया शुरू की. 2016-17 में मेरी अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर मुझे रिपोर्ट दी गई. परफॉर्मेंस ग्रांट में काफी शिकायतें आ रही थीं.

इसे भी पढ़ें- सुलतानपुर: टीबी से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए आगे आई इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी

जिलाधिकारी ने बताया कि 92 ग्राम पंचायतों में से एक भी ग्राम पंचायत परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए पात्र घोषित नहीं की जा सकी. इसके लिए एक अनिवार्य शर्त शासन स्तर से तय की गई थी कि हर साल ऑडिट कराना है. इनकम रिटर्न को देखते हुए अमूमन प्रधान 2 साल में एक बार ऑडिट कराते हैं. मानक के सापेक्ष प्रत्येक वर्ष ऑडिट नहीं होने से एक भी ग्राम पंचायत उत्तीर्ण नहीं हो सकी.

सुलतानपुरः ग्राम प्रधानों के कंधों पर पर ग्राम्य विकास का जिम्मा होता है. जब वही कर्तव्यविमूढ़ हो जाएं, तो ग्राम विकास की रफ्तार का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाएगा. कुछ ऐसा ही सुलतानपुर की ग्राम पंचायतों के साथ हुआ. 92 ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट आनी थी, लेकिन प्रधानों की तरफ से प्रत्येक वर्ष की ऑडिट नहीं कराए जाने की वजह से परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए एक भी ग्राम पंचायत का चयन नहीं हो सका. ऐसे में शासन से भेजी गई इमदाद का कोई लाभ जिले को नहीं मिल पाया.

परफॉर्मेंस ग्रांट से वंचित हुआ सुलतानपुर.

मामला विकास विभाग की तरफ से आने वाले परफॉर्मेंस ग्रांट से जुड़ा हुआ है. सरकार की तरफ से 90 फीसदी धनराशि उन ग्राम में विकास के लिए भेजी जाती है, जो ग्राम पंचायतें बेहतर रोजगार के अवसर और कमाऊ ग्राम पंचायतें बनती हैं. कुल धनराशि में 10% का परफॉर्मेंस ग्रांट का हिस्सा होता है, लेकिन सुलतानपुर में प्रधानों की लापरवाही से एक भी ग्राम पंचायत को परफॉर्मेंस ग्रांट नहीं मिल सका.

जिलाधिकारी इंदुमती ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसके लिए आवेदन की कार्यवाही शुरू की गई. इसमें 92 ग्राम पंचायतों ने आवेदन किया था. पात्रता के आधार पर पात्र ग्राम पंचायतों को चयन करने की प्रक्रिया शुरू की. 2016-17 में मेरी अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर मुझे रिपोर्ट दी गई. परफॉर्मेंस ग्रांट में काफी शिकायतें आ रही थीं.

इसे भी पढ़ें- सुलतानपुर: टीबी से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए आगे आई इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी

जिलाधिकारी ने बताया कि 92 ग्राम पंचायतों में से एक भी ग्राम पंचायत परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए पात्र घोषित नहीं की जा सकी. इसके लिए एक अनिवार्य शर्त शासन स्तर से तय की गई थी कि हर साल ऑडिट कराना है. इनकम रिटर्न को देखते हुए अमूमन प्रधान 2 साल में एक बार ऑडिट कराते हैं. मानक के सापेक्ष प्रत्येक वर्ष ऑडिट नहीं होने से एक भी ग्राम पंचायत उत्तीर्ण नहीं हो सकी.

Intro:शीर्षक : लापरवाही ग्राम प्रधानों की, परफॉर्मेंस ग्रांड से वंचित हुआ सुल्तानपुर।

एंकर : ग्राम प्रधानों के कंधों पर पर ग्राम्य विकास का जिम्मा होता है। जब वही अपने कर्तव्य से च्युत हो जाएं तो ग्राम विकास की रफ्तार थमना एक सामान्य बात हो जाएगी। कुछ ऐसा ही बेहतरीन काम करने वाली ग्राम पंचायतों के साथ हुआ। 92 ग्राम पंचायतों को परफारमेंस ग्रांट आनी थी। लेकिन प्रधानों की तरफ से प्रत्येक वर्ष की ऑडिट नहीं कराए जाने की वजह से परफारमेंस ग्रांट के लिए एक भी ग्राम पंचायत का चयन नहीं हो सका। ऐसे में शासन से भेजी गई इमदाद का कोई लाभ सुल्तानपुर जिले को नहीं मिल पाया।


Body:वीओ : मामला विकास विभाग की तरफ से आने वाले परफॉर्मेंस ग्रांड से जुड़ा हुआ है। सरकार की तरफ से 90 फीसदी धनराशि ग्राम में विकास के लिए भेजी जाती है और जो ग्राम पंचायतें बेहतर रोजगार के अवसर और कमाऊ ग्राम पंचायतें बनती हैं। उन्हें परफारमेंस ग्रांट शासन की तरफ से दी जाती है। कुल धनराशि में 10% का परफॉर्मेंस गांड का हिस्सा होता है। लेकिन सुल्तानपुर में प्रधान बेहद लापरवाह रहे। जिसका नतीजा रहा कि एक भी ग्राम पंचायत को परफॉर्मेंस ग्रांड नहीं मिल सका।


बाइट : उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसके लिए आवेदन की कार्यवाही शुरू की गई। इसका ऑनलाइन आवेदन होता है। इसमें 92 ग्राम पंचायतों ने आवेदन किया था। पात्रता के आधार पर पात्र ग्राम पंचायतों को चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। 2016-17 में मेरी अध्यक्षता में ने जांच कमेटी गठित कर मुझे रिपोर्ट दी गई। परफारमेंस ग्रांट में काफी शिकायतें आ रही थी। इसलिए इस मामले को मैंने संदर्भित कर देखा , जांचा व परखा। 92 ग्राम पंचायतों में से एक भी ग्राम पंचायत परफारमेंस ग्रांट के लिए पात्र घोषित नहीं की जा सकी। इसके लिए एक अनिवार्य शर्त शासन स्तर से तय की गई थी कि हर साल ऑडिट कराना है। इनकम रिटर्न को देखते हुए अमूमन प्रधान 2 साल में एक बार ऑडिट कराते हैं । मानक के सापेक्ष प्रत्येक वर्ष ऑडिट नहीं होने से एक भी ग्राम पंचायत उत्तीर्ण नहीं हो सकी। इसलिए अधिकतर ग्राम पंचायतों को अपात्र घोषित करना पड़ा।
सी. इंदुमती, जिलाधिकारी सुल्तानपुर।


Conclusion:वीओ : 2016- 17 में एक भी ग्राम पंचायत को परफारमेंस ग्रांट नहीं मिली । इसकी वजह से जो उत्साही कार्य होते हैं। वह प्रभावित हुए। ग्राम प्रधानों की लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ा।




आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.