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कोरोना से जंग: सुलतानपुर में लोगों की मदद को आगे आये समाजसेवी

लॉकडाउन के बीच प्रशासन की मदद को कई समाजसेवी आगे आए हैं. जो अपने स्तर पर प्रशासन की मदद कर रहे हैं.

social workers came forward to help the administration
social workers came forward to help the administration
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Published : Apr 12, 2020, 8:48 PM IST

सुलतानपुर: लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद हैं. कामगारों को काम नहीं मिल रहा है. कोराना के कारण लोग अपने घरों में कैद हैं. इसी के तहत दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में सुलतानपुर में समाजसेवी मदद को आगे आए हैं. उन्होंने लोगों को लंच पैकेट, सूखा राशन और प्रधानमंत्री राहत कोष में चेक जमा कराने की प्रक्रिया को रफ्तार दे दी है.

प्रशासन की मदद को आगे आये समाजसेवी.
बड़े कारोबारी हो या कॉलेज संचालक सभी समाज सेवा के लिए आगे आए हैं. ताकि कोई भूखा न रहे. स्पेक्ट्रम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के संचालक अनूप मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपनी तरफ से जिलाधिकारी को 51,000 रुपये का चेक दिया है. जिससे घुमंतू पशुओं को भोजन मुहैया कराया जा सके.वहीं कॉजेल संचालक शकील अहमद का कहना है, कि उन्होंने अपना कॉलेज क्वारंटाइन करने के लिए प्रशासन को सौंपा दिया है. जहां पर 70 लोगों को क्वारंटाइन किया जा सकता है. उनके रहने और खाने की व्यवस्था वह खुद करेंगे.


इसे भी पढ़ें-लखनऊ: कोरोना से जंग में खूब लड़े सीएम योगी, देखिये ये खास रिपोर्ट


अन्य समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि उनकी तरफ से दो मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. जिस पर फोन करने वालों के घर तक सूखा राशन पहुंचाया जाएगा. इस नंबर के माध्यम से जरूरतमंदों को रोजाना 700 से 800 लंच पैकेट वितरित कराए जा रहे हैं.

समाजसेवियों के आने से बड़ी संख्या में घरों में कैद असहाय, निर्धन, गरीब और आश्रय हीन लोगों को मदद मिली है. उन्हें घर में ही लंच पैकेट मिलने लगे हैं. सूखा राशन मिलने से भोजन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है.

सुलतानपुर: लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद हैं. कामगारों को काम नहीं मिल रहा है. कोराना के कारण लोग अपने घरों में कैद हैं. इसी के तहत दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में सुलतानपुर में समाजसेवी मदद को आगे आए हैं. उन्होंने लोगों को लंच पैकेट, सूखा राशन और प्रधानमंत्री राहत कोष में चेक जमा कराने की प्रक्रिया को रफ्तार दे दी है.

प्रशासन की मदद को आगे आये समाजसेवी.
बड़े कारोबारी हो या कॉलेज संचालक सभी समाज सेवा के लिए आगे आए हैं. ताकि कोई भूखा न रहे. स्पेक्ट्रम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के संचालक अनूप मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपनी तरफ से जिलाधिकारी को 51,000 रुपये का चेक दिया है. जिससे घुमंतू पशुओं को भोजन मुहैया कराया जा सके.वहीं कॉजेल संचालक शकील अहमद का कहना है, कि उन्होंने अपना कॉलेज क्वारंटाइन करने के लिए प्रशासन को सौंपा दिया है. जहां पर 70 लोगों को क्वारंटाइन किया जा सकता है. उनके रहने और खाने की व्यवस्था वह खुद करेंगे.


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अन्य समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि उनकी तरफ से दो मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. जिस पर फोन करने वालों के घर तक सूखा राशन पहुंचाया जाएगा. इस नंबर के माध्यम से जरूरतमंदों को रोजाना 700 से 800 लंच पैकेट वितरित कराए जा रहे हैं.

समाजसेवियों के आने से बड़ी संख्या में घरों में कैद असहाय, निर्धन, गरीब और आश्रय हीन लोगों को मदद मिली है. उन्हें घर में ही लंच पैकेट मिलने लगे हैं. सूखा राशन मिलने से भोजन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है.

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