ETV Bharat / state

सुलतानपुर में लोगों को नहीं मिल रही सेफ्टी टैंक सफाई मशीन, खुले में गिर रहा कचरा

सुलतानपुर नगर पालिका परिषद में 50 लाख खर्च कर सेफ्टी टैंक सफाई मशीन लाई गई थी. इसका निजी संचालक फायदा उठा रहे हैं. 4 से 5 गुना अधिक पैसा वसूला जा रहा है. जिससे लोगों को सेफ्टी टैंक सफाई के लिए मशीन नहीं मिल पा रही है और खुले में सेफ्टी टैंक कचरा गिर रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट.
स्पेशल रिपोर्ट.
author img

By

Published : Dec 16, 2020, 11:09 AM IST

Updated : Dec 17, 2020, 7:37 PM IST

सुलतानपुर: प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान को उनके ही पार्टी के चेयरमैन ठेंगा दिखा रहे हैं. 50 लाख खर्च कर नगर पालिका परिषद में बनाया गया सेफ्टी टैंक सफाई मशीन जरूरतमंदों को मुंह चिढ़ा रहा है. वहीं सका फायदा निजी संचालक उठा रहे हैं. 4 से 5 गुना अधिक पैसा वसूला जा रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट.

यह है नगरपालिका से टैंक लेने की व्यवस्था
नगर पालिका में बाकायदा सेफ्टी टैंक सफाई मशीन लेने के लिए पटल बनाया गया है. जहां पर 12 सौ रुपये देने के बाद संबंधित नागरिकों पर्ची दी जाती है और मशीन नगरपालिका से जाती है. सफाई कर कचरा राजमार्गों के किनारे या खुले क्षेत्र में फेंक दिया जाता है.

पूर्व में हुई व्यवस्था का उड़ रहा मखौल
सभासद राजदेव बताते हैं कि नगर पालिका प्रशासन का 3 साल बीत चुका है. स्वच्छता अभियान व सफाई को लेकर न तो कभी बैठक बुलाई गई न ही मीटिंग. मुकम्मल व्यवस्था बेहतर नहीं की गई है. पूर्व में नगर पालिका चेयरमैन की तरफ से जो व्यवस्था दी गई थी. उसका अनुपालन नहीं हो रहा है. लोगों को सेफ्टी टैंक सफाई के लिए मशीन नहीं मिल पा रही है.

30 हजार परिवारों के लिए नहीं कोई व्यवस्था
सुलतानपुर नगर पालिका क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 83 हजार है. जिसमें पुरुष और महिलाएं शामिल है. लगभग 30,000 से अधिक परिवार हैं. जिनके अपने सेफ्टी टैंक हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था के लिए कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं है.

संक्रमण फैला रहा खुले का कचरा
डॉक्टर विवेक वार्ष्णेय कहते हैं कि खुले में कचरा फेंकना स्वास्थ्य के लिहाज से नागरिकों के हित में नहीं है. इससे संक्रमण फैलता है. हेपेटाइटिस, हैजा , कालरा जैसी बीमारियां प्रसार लेती हैं. मोदी के स्वच्छता अभियान के मुताबिक नहीं है.

चेयरमैन बोली मंगाएंगे नई मशीन
नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल कहती हैं कि हमारे पास सेफ्टी टैंक सफाई मशीन है. जिसके लिए 12 सौ रुपये सरकारी शुल्क लिया जाता है. टैंक में लीकेज होने की वजह से इस समय वह कार्य नहीं कर रही है. नई मशीन मंगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

यहां गिर रहा सेफ्टी टैंक का कचरा
शहर से सटे सौरमऊ, रानीगंज, अमहट, करौंदिया पयाग पट्टी, पांचोपीरन, प्यारेपट्टी और भुलकी, गोमती नदी के किनारे ओदरा ग्राम पंचायतों में सेफ्टी टैंक कचरा खाली स्थान देखकर गिरा दिया जाता है. इसके अलावा बड़े नालों में भी यह कचरा डाल दिया जाता है, जो सीधे गोमती नदी में पहुंचता है. जिससे आदि गंगा गोमती प्रदूषित हो रही हैं.

अनियमितता पर एफआईआर
अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने बताया कि आउटसाइड पेप्टिक टाइम कचरे का निस्तारण कर रहे हैं. नगरपालिका की तरफ से ऐसे लोगों का पंजीकरण किया जाएगा. नियम विरुद्ध कार्य करने पर एफआईआर पंजीकृत कराई जाएगी. मानक के अनुरूप कार्य कराया जाएगा.

सुलतानपुर: प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान को उनके ही पार्टी के चेयरमैन ठेंगा दिखा रहे हैं. 50 लाख खर्च कर नगर पालिका परिषद में बनाया गया सेफ्टी टैंक सफाई मशीन जरूरतमंदों को मुंह चिढ़ा रहा है. वहीं सका फायदा निजी संचालक उठा रहे हैं. 4 से 5 गुना अधिक पैसा वसूला जा रहा है.

स्पेशल रिपोर्ट.

यह है नगरपालिका से टैंक लेने की व्यवस्था
नगर पालिका में बाकायदा सेफ्टी टैंक सफाई मशीन लेने के लिए पटल बनाया गया है. जहां पर 12 सौ रुपये देने के बाद संबंधित नागरिकों पर्ची दी जाती है और मशीन नगरपालिका से जाती है. सफाई कर कचरा राजमार्गों के किनारे या खुले क्षेत्र में फेंक दिया जाता है.

पूर्व में हुई व्यवस्था का उड़ रहा मखौल
सभासद राजदेव बताते हैं कि नगर पालिका प्रशासन का 3 साल बीत चुका है. स्वच्छता अभियान व सफाई को लेकर न तो कभी बैठक बुलाई गई न ही मीटिंग. मुकम्मल व्यवस्था बेहतर नहीं की गई है. पूर्व में नगर पालिका चेयरमैन की तरफ से जो व्यवस्था दी गई थी. उसका अनुपालन नहीं हो रहा है. लोगों को सेफ्टी टैंक सफाई के लिए मशीन नहीं मिल पा रही है.

30 हजार परिवारों के लिए नहीं कोई व्यवस्था
सुलतानपुर नगर पालिका क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 83 हजार है. जिसमें पुरुष और महिलाएं शामिल है. लगभग 30,000 से अधिक परिवार हैं. जिनके अपने सेफ्टी टैंक हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था के लिए कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं है.

संक्रमण फैला रहा खुले का कचरा
डॉक्टर विवेक वार्ष्णेय कहते हैं कि खुले में कचरा फेंकना स्वास्थ्य के लिहाज से नागरिकों के हित में नहीं है. इससे संक्रमण फैलता है. हेपेटाइटिस, हैजा , कालरा जैसी बीमारियां प्रसार लेती हैं. मोदी के स्वच्छता अभियान के मुताबिक नहीं है.

चेयरमैन बोली मंगाएंगे नई मशीन
नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल कहती हैं कि हमारे पास सेफ्टी टैंक सफाई मशीन है. जिसके लिए 12 सौ रुपये सरकारी शुल्क लिया जाता है. टैंक में लीकेज होने की वजह से इस समय वह कार्य नहीं कर रही है. नई मशीन मंगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

यहां गिर रहा सेफ्टी टैंक का कचरा
शहर से सटे सौरमऊ, रानीगंज, अमहट, करौंदिया पयाग पट्टी, पांचोपीरन, प्यारेपट्टी और भुलकी, गोमती नदी के किनारे ओदरा ग्राम पंचायतों में सेफ्टी टैंक कचरा खाली स्थान देखकर गिरा दिया जाता है. इसके अलावा बड़े नालों में भी यह कचरा डाल दिया जाता है, जो सीधे गोमती नदी में पहुंचता है. जिससे आदि गंगा गोमती प्रदूषित हो रही हैं.

अनियमितता पर एफआईआर
अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने बताया कि आउटसाइड पेप्टिक टाइम कचरे का निस्तारण कर रहे हैं. नगरपालिका की तरफ से ऐसे लोगों का पंजीकरण किया जाएगा. नियम विरुद्ध कार्य करने पर एफआईआर पंजीकृत कराई जाएगी. मानक के अनुरूप कार्य कराया जाएगा.

Last Updated : Dec 17, 2020, 7:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.