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राम मंदिर भूमि पूजन: बेरोजगारों को मिला रोजगार, चेहरे पर खुशी - सुलतानपुर में बसफोड़वा समुदाय

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में लाॅकडाउन के बाद से ही बेरोजगार चल रहे बांस के सामान बनाने वाले समुदाय में इन दिनों खुशी की लहर है. समुदाय के बेरोजगार लोगों को राम मंदिर भूमि पूजन के लिए झंडा बनाने का काम दिया गया है.

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भूमि पूजन के लिए झंडा बनाते कामगार.
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Published : Aug 4, 2020, 5:51 PM IST

सुलतानपुर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से लिए पांच अगस्त को पीएम मोदी आधारशिला रखेंगे और इसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू होगा. इससे बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे सुलतानपुर जिले में बांस का सामान बनाने वाले (बसफोड़वा) समुदाय में खुशी की लहर है. लाॅकडाउन के बाद बेरोजगार हुए इस समुदाय को भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए झंडा बनाने का काम दिया गया है. वहीं समुदाय के लोगों का कहना है कि जब भूमि पूजन में काम दिया गया है, तो निर्माण कार्य में भी रोजगार मिलेगा.

भूमि पूजन के लिए झंडा बनाते कामगार.
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण 16 कंटेनमेंट जोन बनाया गया है और करीब 80 फीसदी मोहल्ले को सील कर दिया गया है. वहीं लाॅकडाउन के बाद से ही शहर में फुटपाथ किनारे रहने वाले इस समुदाय में रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था, जो अब काम मिलने के बाद लगभग खत्म हो गया है.

समुदाय की महिला चंदा ने बताया कि भूमि पूजन में झंड़ा बनाने का काम मिला है. उन्होंने बताया कि जिला भाजपा अध्यक्ष डाॅ. आरए वर्मा की ओर से यह काम दिलाया गया है. लाॅकडाउन के बाद से ही चल रहा आर्थिक संकट अब खत्म हो जाएगा.

कामगार राजेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन की वजह के भूखमरी के हालात पैदा हो गए थे. राम मंदिर के लिए 200 झंडे बनाने का काम अभी शुरूआती तौर पर मिला है. समुदाय के बहुत से लोगों का यह काम मिला है. इससे लोगों की खुशी की लहर है और अब बेरोजगारी और भूखमरी की समस्या खत्म हो जाएगी. काम मिलने से समुदाय के लोगों में खुशी की लहर है.


वहीं महिला कामगार रीता ने बताया कि एक बड़ा झंडा बनाने का 5 रुपये और छोटा झंडा बनाने के लिए 3 रुपये मिलता है. एक दिन में करीब 250 झंडे बन जाते हैं. उन्होंने बताया कि इससे खाने आदि का खर्च निकल जाता है.

सुलतानपुर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से लिए पांच अगस्त को पीएम मोदी आधारशिला रखेंगे और इसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू होगा. इससे बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे सुलतानपुर जिले में बांस का सामान बनाने वाले (बसफोड़वा) समुदाय में खुशी की लहर है. लाॅकडाउन के बाद बेरोजगार हुए इस समुदाय को भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए झंडा बनाने का काम दिया गया है. वहीं समुदाय के लोगों का कहना है कि जब भूमि पूजन में काम दिया गया है, तो निर्माण कार्य में भी रोजगार मिलेगा.

भूमि पूजन के लिए झंडा बनाते कामगार.
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण 16 कंटेनमेंट जोन बनाया गया है और करीब 80 फीसदी मोहल्ले को सील कर दिया गया है. वहीं लाॅकडाउन के बाद से ही शहर में फुटपाथ किनारे रहने वाले इस समुदाय में रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था, जो अब काम मिलने के बाद लगभग खत्म हो गया है.

समुदाय की महिला चंदा ने बताया कि भूमि पूजन में झंड़ा बनाने का काम मिला है. उन्होंने बताया कि जिला भाजपा अध्यक्ष डाॅ. आरए वर्मा की ओर से यह काम दिलाया गया है. लाॅकडाउन के बाद से ही चल रहा आर्थिक संकट अब खत्म हो जाएगा.

कामगार राजेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन की वजह के भूखमरी के हालात पैदा हो गए थे. राम मंदिर के लिए 200 झंडे बनाने का काम अभी शुरूआती तौर पर मिला है. समुदाय के बहुत से लोगों का यह काम मिला है. इससे लोगों की खुशी की लहर है और अब बेरोजगारी और भूखमरी की समस्या खत्म हो जाएगी. काम मिलने से समुदाय के लोगों में खुशी की लहर है.


वहीं महिला कामगार रीता ने बताया कि एक बड़ा झंडा बनाने का 5 रुपये और छोटा झंडा बनाने के लिए 3 रुपये मिलता है. एक दिन में करीब 250 झंडे बन जाते हैं. उन्होंने बताया कि इससे खाने आदि का खर्च निकल जाता है.

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