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आल्हा गायन जिसे सुनने के लिए कभी जुटती थी हजारों की भीड़, आज खो रही पहचान

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Published : Oct 15, 2019, 8:11 PM IST

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए अंतर्जनपदीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान कई बुद्धिजीवी लोग आए जिन्होंने आल्हा को बचाने का संकल्प लिया.

आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया.

सुलतानपुर: वीरों के उत्साहवर्धन की प्रमुख रचना आल्हा आज अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं जिले में अंतर्जनपदीय कार्यक्रम में जिले के आस-पड़ोस के जिलों के बुद्धिजीवी आए और इन लोगों ने आल्हा को बचाने का आह्वान किया. आल्हा गायन के दौरान जिला पंचायत के सदस्य ने वरिष्ठ आल्हा गायकों का सम्मान किया.

आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया.
जिला मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर स्थित अलीगंज बाजार में अंतर्जनपदीय आल्हा कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगा. वहीं कार्यक्रम में पहुंचे लोग 3 घंटे तक चले आल्हा गायन कार्यक्रम में सक्रियता के साथ हिस्सा लिया.

जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह ने कहा कि आल्हा गायन प्रतियोगिता आयोजित होनी चाहिए. आल्हा पुरानी संस्कृति है जो वीर आल्हा से उत्पन्न हुई है. इसके संरक्षण के लिए हम सबको प्रयासरत होना चाहिए. वहीं मैहर देवी मंदिर से आल्हा की पहचान सामने आई है.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: प्रसिद्ध कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को मिलेगा अकादमी पुरस्कार

आल्हा गायन कार्यक्रम के पश्चात वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ, जिसमें स्थानीय लोग और बाहर से आए लोगों को शॉल ओढ़ाकर जिला पंचायत सदस्य ने सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान ही हमारी पहचान है. इस मौके पर आयोजक उमा दत्त मिश्र की तरफ से अमेठी से आए विंध्या शरण, राजपति सिंह, सेमरी से शिव सहाय और जौनपुर के मुंशीलाल आल्हा गायकों को सम्मानित किया गया.

सुलतानपुर: वीरों के उत्साहवर्धन की प्रमुख रचना आल्हा आज अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं जिले में अंतर्जनपदीय कार्यक्रम में जिले के आस-पड़ोस के जिलों के बुद्धिजीवी आए और इन लोगों ने आल्हा को बचाने का आह्वान किया. आल्हा गायन के दौरान जिला पंचायत के सदस्य ने वरिष्ठ आल्हा गायकों का सम्मान किया.

आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया.
जिला मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर स्थित अलीगंज बाजार में अंतर्जनपदीय आल्हा कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगा. वहीं कार्यक्रम में पहुंचे लोग 3 घंटे तक चले आल्हा गायन कार्यक्रम में सक्रियता के साथ हिस्सा लिया.

जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह ने कहा कि आल्हा गायन प्रतियोगिता आयोजित होनी चाहिए. आल्हा पुरानी संस्कृति है जो वीर आल्हा से उत्पन्न हुई है. इसके संरक्षण के लिए हम सबको प्रयासरत होना चाहिए. वहीं मैहर देवी मंदिर से आल्हा की पहचान सामने आई है.

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आल्हा गायन कार्यक्रम के पश्चात वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ, जिसमें स्थानीय लोग और बाहर से आए लोगों को शॉल ओढ़ाकर जिला पंचायत सदस्य ने सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान ही हमारी पहचान है. इस मौके पर आयोजक उमा दत्त मिश्र की तरफ से अमेठी से आए विंध्या शरण, राजपति सिंह, सेमरी से शिव सहाय और जौनपुर के मुंशीलाल आल्हा गायकों को सम्मानित किया गया.

Intro:शीर्षक : संस्कृति का संरक्षण : आल्हा गायन जिसे सुनने पर फडकती थी वीरों की भुजाएं, आज खो रही पहचान।



एंकर.: वीरों के उत्साहवर्धन की प्रमुख रचना आल्हा आज अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रही है । अंतर्जनपदीय कार्यक्रम में सुल्तानपुर के आस पड़ोस के जिलों के बुद्धिजीवी आए और इन लोगों ने आल्हा को बचाने का आह्वान किया। आल्हा गायन के दौरान जिला पंचायत सदस्य ने वरिष्ठ आल्हा गायकों का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया । जिला पंचायत वह आयोजक ने इसे बचाने का आवाहन किया।


Body:वीओ : सुल्तानपुर में आल्हा संस्कृति संरक्षण के लिए बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगा। अंतर्जनपदीय आल्हा कार्यक्रम जिला मुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर स्थित अलीगंज बाजार में आयोजित हुआ जहां बड़ी संख्या में दूरदराज से लोग पहुंचे। और 3 घंटे तक चले आल्हा गायन कार्यक्रम में सक्रियता के साथ हिस्सा लिया।



बाइट : जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह मोनू ने कहा कि आल्हा गायन प्रतियोगिता आयोजित होनी चाहिए। आल्हा पुरानी संस्कृति है जो वीर आल्हा से उत्पन्न हुई है। इसके संरक्षण के लिए हम सबको प्रयासरत होना चाहिए। मैहर देवी मंदिर से आल्हा की पहचान सामने आई है।


Conclusion:वीओ : आल्हा गायन कार्यक्रम के पश्चात वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। जिसमें स्थानीय लोग और बाहर से आए लोगों को शाल ओढ़ाकर जिला पंचायत सदस्य ने सम्मानित किया । कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान ही हमारी पहचान है। इस मौके पर आयोजक उमा दत्त मिश्र की तरफ से अमेठी से आए विंध्या शरण, राजपति सिंह, सेमरी से शिव सहाय और जौनपुर के मुंशीलाल आल्हा गायकों को सम्मानित किया गया।


आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर , 94 15049 256
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