सुलतानपुर : कोरोना संकट के दौरान जिले में ऑक्सीजन की किल्लत से जहां मरीजों की मौत के आंकड़ों में भारी इजाफा दर्ज किया गया है. वही संवेदनहीन व्यापारी आपदा में अवसर तलाशने में लगे हुए हैं. लॉकडाउन की आड़ में आवक प्रभावित होने की बात कह कर, खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ा दिए गए हैं. ऐसे में नागरिकों में कारोबारियों के प्रति काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है. लोग प्रशासन से जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं.
अनाज और तेल के दाम बढ़े
कोरोना काल में दाल, अनाज और खाद्य तेलों के दाम में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अरहर दाल के दाम में जहां 20 से 30 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, तो वहीं सरसों के तेल ने 40 रुपए प्रति किलो की छलांग लगा दी है. जिसके चलते बाजारों में खरीदारों का आभाव दिख रहा है. फुटकर दुकानदार बताते हैं कि महंगाई के इस दौर में लोग भाव तो पूछते हैं, लेकिन इसके बाद उल्टे पांव लौट जा रहे हैं.
मंडी सचिव को मूल्य सूची जारी करने के निर्देश : डीएम
जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन की आड़ लेकर मूल्य वृद्धि करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासनिक अधिकारियों को जांच कर जमाखोरी होने पर सख्त विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. मंडी सचिव को कहा गया है कि वे खाद्य पदार्थों की सूची जारी कर सोशल मीडिया पर इसे वायरल करें. जिससे लोगों को सही मूल्य की जानकारी हो सके और मूल्य वृद्धि को रोका जा सके.
लॉकडाउन बना मूल्य वृद्धि का बहाना
80 रुपए प्रति किलो बिकने वाली दाल अब 120 रुपए के आसपास पहुंच गई है. वहीं 140 रुपए प्रति लीटर बिकने वाला सरसों का तेल 180 के भाव बिक रहा है. यही स्थिति रिफाइंड तेलों के दाम में भी देखी जा रही है. इसके साथ ही अनाजों की कीमतों भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिला मुख्यालय से सटे हसनपुर गांव से आए रामकृपाल कहते हैं कि दाल बड़ी महंगी है. कुछ समझ में नहीं आ रहा है. बाजार से क्या खरीदारी करें. वहीं किसान विनीत कुमार कहते हैं कि महंगाई और जमाखोरी ने लोगों को मजबूर कर दिया है.
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