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सुलतानपुर: ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम - sultanpur durga puja festival is different

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव को बडे़ ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. विसर्जन यात्रा की शुरुआत के समय से ही श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. प्रतापगढ़, फैजाबाद, अमेठी समेत पड़ोसी जनपदों से बड़े पैमाने पर यहां श्रद्धालु आते हैं और माता का आशीर्वाद पाकर अपना जीवन सुखी बनाते हैं.

धूमधाम से मनाया गया दुर्गा पूजा महोत्सव.
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Published : Oct 14, 2019, 1:41 PM IST

सुलतानपुर: जिले का दुर्गा पूजा महोत्सव कोलकाता के बाद देश में दूसरे स्थान पर है. जहां करोड़ों रुपये चंदे के रूप में इकट्ठे होते हैं और दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाता है. हिंदू-मुस्लिम मिल-जुल कर इस महोत्सव को मनाते हैं और विसर्जन यात्रा में शामिल होते हैं. श्रद्धालु जगह-जगह बंटने वाले प्रसाद को लेते हुए मां के जयकारे लगाते हैं. विसर्जन यात्रा के दौरान प्रतिमाओं को गोमती नदी में विसर्जित किया जाता है.

सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार.
खास है दुर्गा पूजा महोत्सव
  • जिले में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव बहुत ही खास है.
  • पूरे देश में जब दुर्गा पूजा महोत्सव खत्म हो जाता है, तब सुलतानपुर में इसकी शुरुआत होती है.
  • दशहरे के रावण दहन से शुरू होने वाला मेला पूर्णिमा तक चलता है.
  • रविवार की रात पूर्णिमा के दिन मूर्तियों को पंडाल से उठाकर भ्रमण कराया गया.
  • जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने हरी झंडी दिखाकर मेले की शुरुआत की.
  • मेले में पूरी रात श्रद्धालुओं का सैलाब सड़कों पर रहा.
  • लोग मां के जयकारे लगाते हुए प्रसाद के रूप में हलवा पूरी खाते रहे.

इसे भी पढ़ें- मऊ: सिलेंडर फटने से दो मंजिला मकान ध्वस्त, 13 की मौत, 20 घायल

मेले की तैयारियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है. मनचलों पर खास निगाह रखी जा रही है, जिससे वे छेड़खानी जैसी घटनाओं को अंजाम न दे सकें. साथ ही अन्य सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है.
-हिमांशु कुमार, पुलिस अधीक्षक

सुलतानपुर: जिले का दुर्गा पूजा महोत्सव कोलकाता के बाद देश में दूसरे स्थान पर है. जहां करोड़ों रुपये चंदे के रूप में इकट्ठे होते हैं और दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाता है. हिंदू-मुस्लिम मिल-जुल कर इस महोत्सव को मनाते हैं और विसर्जन यात्रा में शामिल होते हैं. श्रद्धालु जगह-जगह बंटने वाले प्रसाद को लेते हुए मां के जयकारे लगाते हैं. विसर्जन यात्रा के दौरान प्रतिमाओं को गोमती नदी में विसर्जित किया जाता है.

सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार.
खास है दुर्गा पूजा महोत्सव
  • जिले में आयोजित होने वाला ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव बहुत ही खास है.
  • पूरे देश में जब दुर्गा पूजा महोत्सव खत्म हो जाता है, तब सुलतानपुर में इसकी शुरुआत होती है.
  • दशहरे के रावण दहन से शुरू होने वाला मेला पूर्णिमा तक चलता है.
  • रविवार की रात पूर्णिमा के दिन मूर्तियों को पंडाल से उठाकर भ्रमण कराया गया.
  • जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने हरी झंडी दिखाकर मेले की शुरुआत की.
  • मेले में पूरी रात श्रद्धालुओं का सैलाब सड़कों पर रहा.
  • लोग मां के जयकारे लगाते हुए प्रसाद के रूप में हलवा पूरी खाते रहे.

इसे भी पढ़ें- मऊ: सिलेंडर फटने से दो मंजिला मकान ध्वस्त, 13 की मौत, 20 घायल

मेले की तैयारियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है. मनचलों पर खास निगाह रखी जा रही है, जिससे वे छेड़खानी जैसी घटनाओं को अंजाम न दे सकें. साथ ही अन्य सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है.
-हिमांशु कुमार, पुलिस अधीक्षक

Intro:एक्सक्लुसिव स्टोरी
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शीर्षक : देखिए कैसे देश के अलबेले ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की विसर्जन यात्रा में उमड़ाता श्रद्धा का सैलाब।



एंकर : सुल्तानपुर के ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव इस समय अपने चरमोत्कर्ष पर है। विसर्जन यात्रा की शुरुआत के समय से ही श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रतापगढ़, फैजाबाद , अमेठी समेत पड़ोसी जनपदों से बड़े पैमाने पर यहां श्रद्धालु आते हैं। रात भर विसर्जन यात्रा में शामिल होते हैं । निशुल्क जगह-जगह बांटने वाले प्रसाद लेते हुए मां के जयकारे लगाते हैं।


Body:वीओ : ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की खास बात यह है कि जब पूरे देश में दुर्गा पूजा खत्म हो चुका होता है तो सुल्तानपुर में इसकी शुरुआत होती है। दशहरे के रावण दहन से शुरू होने वाला मेला पूर्णिमा तक चलता है। रविवार की रात पूर्णिमा के दिन मूर्तियां पंडाल से उठी और भ्रमण के लिए निकल पड़े। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की हरी झंडी दिखाने के बाद मेला शुरू हुआ और पूरी रात श्रद्धालुओं का सैलाब सड़कों पर रहा। लोग मां के जयकारे लगाते रहे। हलवा पूरी खाते रहे।


बाइट : पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार ने बताया कि मेले की तैयारियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है । मनचलों पर खास निगाह रखी जा रही है। जिससे वे छेड़खानी जैसी घटनाओं को अंजाम न दे सके। अन्य सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है।


Conclusion:वीओ : सुल्तानपुर का दुर्गा पूजा महोत्सव कोलकाता के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। जहां करोड़ों रुपए चंदे के रूप में इकट्ठे होते हैं और दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाता है। हिंदू और मुसलमान भाई मिलजुल कर इस महोत्सव को अंतिम पड़ने देते हैं। विसर्जन यात्रा के दौरान क्रम से प्रतिमाएं आज गंगा गोमती में विसर्जित की जाती है ।





आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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