सुलतानपुरः 28 करोड़ रुपये खर्च कर सुलतानपुर को सुंदर बनाने की सांसद मेनका गांधी की कवायद पर अधिकारी पानी फेरने में लगे हैं. अभी तक न तो पोल शिफ्ट हो सके हैं और न ही नई इलेक्ट्रिक लाइन तैयार की जा सकी है. वन निगम के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. पेड़ कटान का काम आधा-अधूरा पड़ा है.
लापरवाही की भेंट चढ़ रहा सौंदर्यीकरण योजना
सुलतानपुर शहर को जाम से मुक्त करने के लिए सांसद मेनका गांधी की ओर से लाई गई सौंदर्यीकरण योजना अधिकारियों की संवेदनहीनता और लापरवाही की भेंट रही है. पयागीपुर चौराहे से बस स्टेशन, अमहट से गोलाघाट और कलेक्ट्रेट से पीडब्ल्यूडी के बीच चौड़ीकरण का काम सांसद मेनका गांधी के आने की आहट के साथ एक बार फिर से शुरू हो गया. महीनों से हादसे का सबब बने गड्ढे गिट्टी से भरे जाने लगे हैं. बेपरवाह वन निगम के अधिकारियों की निद्रा भी टूटने लगी है. सांसद के आने के साथ काम का शुरू होना और जाने के बाद बंद हो जाना यहां के प्रशासन में शुमार हो गया है. बहरहाल जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने पीडब्ल्यूडी, बिजली और वन निगम के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कह रही है. 28 करोड़ रुपये में से बिजली विभाग और वन निगम को धनराशि स्थानांतरित कर दी गई है. बावजूद नतीजा सिफर है. काम की रफ्तार बढ़ नहीं पा रही है.
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