ETV Bharat / state

मेनका गांधी ने कहा, 'निर्भया के दोषियों को 7 साल पहले होनी चाहिए थी सजा'

भाजपा नेता मेनका गांधी रविवार को उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में पहुंची. यहां निर्भया केस को लेकर उन्होंने कहा कि यहां का कानून पता नहीं कैसा है. दोषियों को सात साल पहले ही फांसी दी जानी चाहिए थी.

etv bharat
मेनका गांधी
author img

By

Published : Jan 19, 2020, 10:49 PM IST

सुलतानपुर: निर्भया मामले में एक सवाल पूछे जाने पर मेनका गांधी ने भारतीय कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां पता नहीं कैसा कानून है. दोषियों को तो 7 साल पहले ही फांसी दी जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मुझे बेहद अफसोस है कि अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दी गई है.

मेनका गांधी ने कानून व्यवस्था पर उठाया सवाल.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में कादीपुर तहसील के रानीगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की जमीन विकास की भेंट चढ़ गई. पूरा विद्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने की वजह से परियोजना में समाहित हो गया. इस मामले को मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया. मेनका गांधी ने 52 लाख रुपये की सांसद निधि से मदद की, जिससे प्राथमिक विद्यालय को दोबारा तैयार किया जाए.

इसे भी पढ़ें- हम किसी का धर्म, भाषा या जाति नहीं बदलना चाहते: मोहन भागवत

सुलतानपुर दौरे के अंतिम चरण में मेनका गांधी ने निर्भया कांड में जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई किए जाने की मंशा जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर और नृशंस मामले में अब तक फांसी दे दी जानी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने कहा कि 52 लाख रुपये की धनराशि विद्यालय के लिए स्वीकृत की गई है. विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा और शिक्षा का मंदिर फिर से शुरू किया जाएगा.

सुलतानपुर: निर्भया मामले में एक सवाल पूछे जाने पर मेनका गांधी ने भारतीय कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां पता नहीं कैसा कानून है. दोषियों को तो 7 साल पहले ही फांसी दी जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मुझे बेहद अफसोस है कि अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दी गई है.

मेनका गांधी ने कानून व्यवस्था पर उठाया सवाल.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में कादीपुर तहसील के रानीगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की जमीन विकास की भेंट चढ़ गई. पूरा विद्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने की वजह से परियोजना में समाहित हो गया. इस मामले को मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया. मेनका गांधी ने 52 लाख रुपये की सांसद निधि से मदद की, जिससे प्राथमिक विद्यालय को दोबारा तैयार किया जाए.

इसे भी पढ़ें- हम किसी का धर्म, भाषा या जाति नहीं बदलना चाहते: मोहन भागवत

सुलतानपुर दौरे के अंतिम चरण में मेनका गांधी ने निर्भया कांड में जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई किए जाने की मंशा जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर और नृशंस मामले में अब तक फांसी दे दी जानी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने कहा कि 52 लाख रुपये की धनराशि विद्यालय के लिए स्वीकृत की गई है. विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा और शिक्षा का मंदिर फिर से शुरू किया जाएगा.

Intro:शीर्षक : मेनका का कानून पर सवाल, 7 साल पूर्व ही होनी थी फांसी।

एंकर : निर्भया गैंगरेप मामले में मेनका गांधी ने भारतीय कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है। उन्होंने कहा कि यहां पता नहीं कैसा कानून है। दोषियों को तो 7 साल पूर्व ही फांसी दी जानी चाहिए थी। मुझे बेहद अफसोस है कि अभी तक फांसी नहीं दी गई है।

Body:वीओ : पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में कादीपुर तहसील के रानीगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की जमीन विकास की भेंट चढ़ गई । पूरा विद्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने की वजह से परियोजना में समाहित हो गया। जिसे मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया और 5200000 रुपए की सांसद निधि से मदद की । जिससे प्राथमिक विद्यालय को दोबारा तैयार किया जाए।


बाइट : सुल्तानपुर दौरे के अंतिम चरण में मेनका गांधी ने निर्भया कांड में जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई किए जाने की मंशा जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर और नृशंस मामले में अब तक फांसी दे दी जानी चाहिए थी। ₹52 लाख विद्यालय के लिए स्वीकृत किए गए हैं। विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा और शिक्षा का मंदिर फिर से शुरू किया जाएगा। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ता व सांसद प्रतिनिधि रंजीत सिंह मौजूद रहे।Conclusion:Ashutosh, sultanpur 94 150 49 256
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.