सुलतानपुर: निर्भया मामले में एक सवाल पूछे जाने पर मेनका गांधी ने भारतीय कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां पता नहीं कैसा कानून है. दोषियों को तो 7 साल पहले ही फांसी दी जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मुझे बेहद अफसोस है कि अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दी गई है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में कादीपुर तहसील के रानीगंज में एक प्राथमिक विद्यालय की जमीन विकास की भेंट चढ़ गई. पूरा विद्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने की वजह से परियोजना में समाहित हो गया. इस मामले को मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया. मेनका गांधी ने 52 लाख रुपये की सांसद निधि से मदद की, जिससे प्राथमिक विद्यालय को दोबारा तैयार किया जाए.
इसे भी पढ़ें- हम किसी का धर्म, भाषा या जाति नहीं बदलना चाहते: मोहन भागवत
सुलतानपुर दौरे के अंतिम चरण में मेनका गांधी ने निर्भया कांड में जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई किए जाने की मंशा जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर और नृशंस मामले में अब तक फांसी दे दी जानी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने कहा कि 52 लाख रुपये की धनराशि विद्यालय के लिए स्वीकृत की गई है. विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा और शिक्षा का मंदिर फिर से शुरू किया जाएगा.