सुलतानपुर: नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल की तरफ से अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने चेयरमैन को फिर एक बार करारा झटका दिया है. ठेकेदारों को सुनवाई के पहले चरण में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. जिलाधिकारी के बाद हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद ठेकेदार सकते में हैं.
चेयरमैन बबीता जायसवाल की तरफ से चुनिंदा और चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जिलाधिकारी की तरफ से इस पूरी प्रक्रिया को अवैध ठहराने के बाद ठेकेदारों ने चेयरमैन की शह पर हाईकोर्ट का रास्ता अख्तियार किया था. हाईकोर्ट ने पहले ही चरण में ठेकेदारों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा है कि वह न्यायालय में रिट करने के अधिकारी नहीं हैं, क्योंकि मामला नगर पालिका परिषद से जुड़ा हुआ है और ठेकेदार उसके अंग नहीं माने जाते हैं.
सभासद अमोल वाजपेई ने मीडिया से बातचीत करत हुए बताया कि टेंडर में खेल करने के लिए चेयरमैन की तरफ से अपने ठेकेदारों का चयन किया गया था. डीएम ने इसे अस्वीकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने भी ठेकेदारों की रिट को भी खारिज कर दिया है.