सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश को साल 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. इसके लिए नौ मार्च से अभियान शुरू किया गया है जो कि 22 मार्च तक चलेगा. नए रोगियों की पहचान के लिए टीमें गठित की गई हैं. इन रोगियों की जांच और उपचार के लिए विभागीय स्तर पर मुकम्मल व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने विभागीय अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और जिम्मेदार नागरिकों से आवाहन किया है कि वो कुपोषित परिवारों को गोद लें, उनका इलाज कराएं और क्षय रोग भगाने में मदद करें.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीके त्रिपाठी के मुताबिक 9 मार्च से शुरू हुआ यह अभियान 22 मार्च तक चलाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर स्वयंसेवी संगठनों को भी अभियान में शामिल किया गया है. वो नए रोगियों की पहचान करने, उन्हें समय से दवाएं उपलब्ध कराकर स्वस्थ करने में स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी भूमिका निभाएंगे. जिला विद्यालय निरीक्षक समेत सभी विभागीय अफसरों की तरफ से ऐसे परिवार और क्षेत्र को गोद लेने की कार्रवाई की जा रही है.
डॉ. डीके त्रिपाठी ने कहा कि जिम्मेदार नागरिकों के आगे आने से हम 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बना सकेंगे. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. क्षय रोग से ग्रसित लोगों को यह हिदायत दी जा रही है कि वो किसी भी दशा में दवाएं बंद न करें. दवा बंद होने की दशा में प्रतिरोधक शक्ति क्षय रोग के कीटाणुओं में विकसित हो जाती है. जिसके बाद इलाज में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जागरूकता अभियान कार्यक्रमों से भी स्वयंसेवी संगठन, वरिष्ठ अधिकारियों और जिम्मेदार नागरिकों को जोड़ा जाएगा.
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24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर तहसील स्तरीय अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. इस रोग से ग्रसित लोगों के पड़ोसियों को सतर्क रहने की जरूरत है, जिससे रोग का प्रसार अगल-बगल के इलाकों और लोगों में न हो सके. इसके लिए जागरूकता पोस्टर और जागरूकता स्लोगन दीवारों पर लगाए जा रहे हैं. जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के निर्देश पर सभी उप जिलाधिकारियों की मदद लेते हुए इस कार्य को अंजाम तक पहुंचने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.
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