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मन मोह रहा है सीताकुंड घाट का हृदय उपवन

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में आदि गंगा गोमती के घाट को स्वच्छ और हरा भरा बनाने के उद्देश्य से हृदय उपवन तैयार किया गया है. यह उपवन धरती को हरा भरा बनाने का आह्नान कर रहा है.

सुलतानपुर में आदि गंगा गोमती के तट पर बना हृदय उपवन
सुलतानपुर में आदि गंगा गोमती के तट पर बना हृदय उपवन
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Published : Jun 1, 2020, 8:35 PM IST

सुलतानपुर: भावी पीढ़ियों को हरित क्रांति से परिचित कराने, औषधियों को पौधे पहचानने, आदि गंगा गोमती के घाट को स्वच्छ और हरा भरा बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया हृदय उपवन विद्यार्थी और युवा वर्ग को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हुए रचनात्मक संदेश दे रहा है. आदि गंगा गोमती के पौराणिक घाट सीता कुंड पर बना उपवन धरती को हरा भरा बनाने का आह्नान कर रहा है.

सुलतानपुर में आदि गंगा गोमती के तट पर बना हृदय उपवन

माता सीता ने इस कुंड पर किया था स्नान

आदि गंगा गोमती के तट पर बसे सीता कुंड घाट का पौराणिक महत्व है. मान्याता है कि श्रीराम वन जाने के दौरान माता सीता ने यहां स्नान किया था, जिसके बाद से इसे सीता कुंड घाट के तौर पर जाना जाने लगा. गोमती नदी के तटीय इलाकों को सुंदर बनाने के लिए हाल ही में सुलतानपुर जिला अधिकारी सी इंदुमती की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च करके सीड बम गिराने की कवायद शुरू की गई थी. हालांकि यह कवायत सफल नहीं हो सकीं, लेकिन इस अधूरी पहल को साकार करने का जिम्मा गोमती मित्रों ने उठाया है.

हमारा मकसद यहां हरित पट्टिका का विकास करना है. गोमती नदी के किनारे जो छात्र-छात्राएं घूमने आते हैं, वह यहां के पौधों को देखें, उनसे परिचित हों समझे और अपने ज्ञान को आगे बढ़ाएं. दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करने और हरित क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए युवा आगे आएं. मुझे लगता है कि मैं इस अभियान में सफल हो रहा हूं.

-मदन सिंह, पदाधिकारी अधिवक्ता, गोमती मित्र मंडल

सुलतानपुर: भावी पीढ़ियों को हरित क्रांति से परिचित कराने, औषधियों को पौधे पहचानने, आदि गंगा गोमती के घाट को स्वच्छ और हरा भरा बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया हृदय उपवन विद्यार्थी और युवा वर्ग को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हुए रचनात्मक संदेश दे रहा है. आदि गंगा गोमती के पौराणिक घाट सीता कुंड पर बना उपवन धरती को हरा भरा बनाने का आह्नान कर रहा है.

सुलतानपुर में आदि गंगा गोमती के तट पर बना हृदय उपवन

माता सीता ने इस कुंड पर किया था स्नान

आदि गंगा गोमती के तट पर बसे सीता कुंड घाट का पौराणिक महत्व है. मान्याता है कि श्रीराम वन जाने के दौरान माता सीता ने यहां स्नान किया था, जिसके बाद से इसे सीता कुंड घाट के तौर पर जाना जाने लगा. गोमती नदी के तटीय इलाकों को सुंदर बनाने के लिए हाल ही में सुलतानपुर जिला अधिकारी सी इंदुमती की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च करके सीड बम गिराने की कवायद शुरू की गई थी. हालांकि यह कवायत सफल नहीं हो सकीं, लेकिन इस अधूरी पहल को साकार करने का जिम्मा गोमती मित्रों ने उठाया है.

हमारा मकसद यहां हरित पट्टिका का विकास करना है. गोमती नदी के किनारे जो छात्र-छात्राएं घूमने आते हैं, वह यहां के पौधों को देखें, उनसे परिचित हों समझे और अपने ज्ञान को आगे बढ़ाएं. दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करने और हरित क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए युवा आगे आएं. मुझे लगता है कि मैं इस अभियान में सफल हो रहा हूं.

-मदन सिंह, पदाधिकारी अधिवक्ता, गोमती मित्र मंडल

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