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आ गया सबसे ज्यादा प्रोटीन वाला चना, जानिए सेहत के लिए कितना फायदेमंद

High Protein Chana: कानपुर IIPR के वैज्ञानिकों ने चने की नई प्रजाति विकसित की. दावा किया कि अब तक का सबसे ज्यादा प्रोटीन वाला चना है ये.

kanpur iipr scientists discovered high protein chana is good for health how much eat per day
खोजा गया हाई प्रोटीन वाला चना. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 9:11 AM IST

कानपुर: अक्सर ही अपने बेहतर शोध कार्यों से देश को नामचीन दलहनी फसलों की विभिन्न प्रजातियां देने वाले भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (IIPR) के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है. अबकि, वैज्ञानिकों ने चने की एक ऐसी प्रजाति तैयार कर दी जिससे किसानों व आमजन को 26 प्रतिशत तक प्रोटीन मिल सकेगा जबकि अभी तक किसानों जिन फसलों को तैयार करते रहे हैं उनमें चने की मात्रा 20 से 22 प्रतिशत तक रहती थी.



क्या नाम है प्रजाति काः आईआईपीआर के निदेशक डा.जीपी दीक्षित ने कहा चने की कई वैरायटियों को मिलाकर हमने चने की नई प्रजाति आईपीसी 5-10-62 को विकसित किया है. किसानों को इस चने की फसल से बहुत अधिक लाभ होगा.


व्हे प्रोटीन भी मिल सकेगा: आईआईपीआर के वैज्ञानिक डा.जीपी दीक्षित ने बताया, कि चने की इस नई प्रजाति से किसानों को व्हे प्रोटीन मिल सकेगा. यह एक तरह का प्रोटीन का ही प्रकार होता है. उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति के लिए व्हे प्रोटीन शारीरिक दृष्टि से बहुत जरूरी है. अगर व्यक्ति बहुत अधिक थकावट महसूस करता है, तो उस समय व्हे प्रोटीन का उपयोग करने से शरीर को बहुत अधिक लाभ होता है.


120 दिनों में पककर तैयार होगी फसल: आईआईपीआर के निदेशक डा.जीपी दीक्षित ने बताया कि किसान चने की इस नई प्रजाति को जहां महज 120 दिनों में तैयार कर सकेंगे. वहीं, एक हेक्टेयर में 20 क्विंटल तक फसल उग सकेगी. बोले, अगले साल से हम किसानों को आईपीसी 5-10-62 के बीज भी मुहैया करा देंगे.

आईआईपीआर वैज्ञानिकों ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)



काबुली चने की कंचन और देसी चने की कुबेर को कर चुके विकसित: आईआईपीआर के वैज्ञानिकों ने साल 2024 में ही काबुली चने की प्रजाति कंचन को जहां विकसित किया था. वहीं, देसी चने की नई वैरायटी कुबेर को भी विकसित किया जा चुका है जबकि इन सभी में सबसे नई वैरायटी आईपीसी 5-10-62 है.



एक दिन में कितना चना खाना फायदेमंद: हाल के कुछ शोधों में एक दिन में 100 ग्राम तक चना खाना फायदेमंद बताया गया है. इससे न केवल शरीर को थकान कम लगती है बल्कि काफी ऊर्जा भी मिलती है. चने में प्रोटीन एक ऐसा तत्व है जो शरीर के लिए बेहद फाय़देमंद बताया गया है.





ये भी पढ़ेंः मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है; कुंभ में मुस्लिमों के रोक के पक्ष में बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, मक्का-मदीना में हिंदुओं का जाना है प्रतिबंधित

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क्या नाम है प्रजाति काः आईआईपीआर के निदेशक डा.जीपी दीक्षित ने कहा चने की कई वैरायटियों को मिलाकर हमने चने की नई प्रजाति आईपीसी 5-10-62 को विकसित किया है. किसानों को इस चने की फसल से बहुत अधिक लाभ होगा.


व्हे प्रोटीन भी मिल सकेगा: आईआईपीआर के वैज्ञानिक डा.जीपी दीक्षित ने बताया, कि चने की इस नई प्रजाति से किसानों को व्हे प्रोटीन मिल सकेगा. यह एक तरह का प्रोटीन का ही प्रकार होता है. उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति के लिए व्हे प्रोटीन शारीरिक दृष्टि से बहुत जरूरी है. अगर व्यक्ति बहुत अधिक थकावट महसूस करता है, तो उस समय व्हे प्रोटीन का उपयोग करने से शरीर को बहुत अधिक लाभ होता है.


120 दिनों में पककर तैयार होगी फसल: आईआईपीआर के निदेशक डा.जीपी दीक्षित ने बताया कि किसान चने की इस नई प्रजाति को जहां महज 120 दिनों में तैयार कर सकेंगे. वहीं, एक हेक्टेयर में 20 क्विंटल तक फसल उग सकेगी. बोले, अगले साल से हम किसानों को आईपीसी 5-10-62 के बीज भी मुहैया करा देंगे.

आईआईपीआर वैज्ञानिकों ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)



काबुली चने की कंचन और देसी चने की कुबेर को कर चुके विकसित: आईआईपीआर के वैज्ञानिकों ने साल 2024 में ही काबुली चने की प्रजाति कंचन को जहां विकसित किया था. वहीं, देसी चने की नई वैरायटी कुबेर को भी विकसित किया जा चुका है जबकि इन सभी में सबसे नई वैरायटी आईपीसी 5-10-62 है.



एक दिन में कितना चना खाना फायदेमंद: हाल के कुछ शोधों में एक दिन में 100 ग्राम तक चना खाना फायदेमंद बताया गया है. इससे न केवल शरीर को थकान कम लगती है बल्कि काफी ऊर्जा भी मिलती है. चने में प्रोटीन एक ऐसा तत्व है जो शरीर के लिए बेहद फाय़देमंद बताया गया है.





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