ETV Bharat / state

सुलतानपुर: ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बेटे को दिखाया मां का फटा पेट, FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में एक डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां एक डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया, जिसके चलते वह 6 महीने तक मानसिक विकृति से जूझता रहा. इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

डॉक्टर ने बेटे को दिखाया मां का फटा हुआ पेट
author img

By

Published : Oct 19, 2019, 12:53 PM IST

सुलतानपुर: जिले में एक डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. मामला जगर कोतवाली क्षेत्र का है. यहां डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया, जिसके चलते वह मौके पर बेहोश हो गया और छह महीने तक मानसिक विकृति से जूझता रहा. इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

डॉक्टर ने बेटे को दिखाया मां का फटा हुआ पेट.
क्या है पूरा मामला
  • मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के आभा नर्सिंग होम का है.
  • डॉक्टर आलोक सिंह ने कुछ समय पहले एक महिला के पेट का ऑपरेशन किया था.
  • ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया था.
  • परिजनों ने पेट में कुछ होने की आशंका जताई थी.
  • दोबार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया.
  • जिससे वह अचेत होकर गिर गया और छह महीने तक मानसिक विकृति से जूझता रहा.

यह भी पढ़ें: चिन्मयानंद को बचाने के लिए यूपी सरकार ने पीड़ित छात्रा को भेजा जेल: अजय कुमार लल्लू

डॉक्टर ने मुझे जबरदस्ती मां का फटा हुआ पेट दिखाया, जिसके चलते में मेरा 6 महीने तक इलाज चला.
-पीड़ित

डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही बरतने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. गुण दोष के आधार पर गिरफ्तारी समेत अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी.
-सतीश चंद्र शुक्ला, क्षेत्राधिकारी

सुलतानपुर: जिले में एक डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है. मामला जगर कोतवाली क्षेत्र का है. यहां डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया, जिसके चलते वह मौके पर बेहोश हो गया और छह महीने तक मानसिक विकृति से जूझता रहा. इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

डॉक्टर ने बेटे को दिखाया मां का फटा हुआ पेट.
क्या है पूरा मामला
  • मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के आभा नर्सिंग होम का है.
  • डॉक्टर आलोक सिंह ने कुछ समय पहले एक महिला के पेट का ऑपरेशन किया था.
  • ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया था.
  • परिजनों ने पेट में कुछ होने की आशंका जताई थी.
  • दोबार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया.
  • जिससे वह अचेत होकर गिर गया और छह महीने तक मानसिक विकृति से जूझता रहा.

यह भी पढ़ें: चिन्मयानंद को बचाने के लिए यूपी सरकार ने पीड़ित छात्रा को भेजा जेल: अजय कुमार लल्लू

डॉक्टर ने मुझे जबरदस्ती मां का फटा हुआ पेट दिखाया, जिसके चलते में मेरा 6 महीने तक इलाज चला.
-पीड़ित

डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही बरतने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. गुण दोष के आधार पर गिरफ्तारी समेत अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी.
-सतीश चंद्र शुक्ला, क्षेत्राधिकारी

Intro:शीर्षक : अमानवीयता : ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक ने बेटे को दिखाया मां का फटा पेट, एफआईआर।



एंकर : एक नर्सिंग होम के डॉक्टर ने अमानवीयता की हद पार कर दी। आप्रेशन के दौरान बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखा दिया। जिससे वह मौके पर बेहोश हो गया। 6 माह तक मानसिक विकृति से बेटे को जूझना पड़ा । पूरे मामले में नर्सिंग होम के डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आपराधिक दोष के आधार पर पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी करने की बात कही है।


Body:वीओ : मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के आभा नर्सिंग होम से जुड़ा हुआ है। जहां पर डॉक्टर आलोक सिंह चिकित्सक के पद पर तैनात हैं। इन्होंने ट्यूमर की एक महिला का ऑपरेशन किया और ऑपरेशन में कपड़े छोड़ दिए। दो बार ऑपरेशन के दौरान परिजनों ने पेट में कुछ होने की आशंका जताई तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान बेटे को मां का फटा हुआ पेट दिखाया । बेटा अचेत होकर गिर पड़ा। 6 माह तक उसे गहन चिकित्सा से जूझना पड़ा।




बाइट : क्षेत्राधिकारी नगर सतीश चंद्र शुक्ला कहते हैं कि पूरे मामले में प्रकरण से अवगत कराया गया है। चिकित्सक की तरफ से कृपया लापरवाही बरतने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। गुण दोष के आधार पर गिरफ्तारी समेत अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी।


वीओ : पिता कृपा शंकर मिश्रा ने अपनी पत्नी शीला को 12 अगस्त 2018 को इलाज के लिए डॉक्टर आलोक को दिखाया। इस दौरान ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ। लेकिन डॉक्टर आलोक ने उनके पेट में कॉटन यानी तौलिए के कुछ अंश छोड़ दिए। जिससे उनकी तबीयत खराब होने लगी । दोबारा ऑपरेशन डॉक्टर आलोक ने किया और सब कुछ दुरुस्त बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया। शीला की तबीयत लगातार बिगड़ने पर कृपा शंकर लेकर मुंबई भागे। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।





Conclusion:वीओ : डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है। यदि ऐसे में ऑपरेशन कक्ष के भीतर सामान्य लोगों को चीर फाड़ और आप्रेशन के दृश्य दिखाया जाएगा तो उनकी क्या स्थिति होगी। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है । मां को खोने के बाद बेटा 6 माह तक गंभीर बीमारी से जूझता रहा । मानसिक स्थिति का शिकार रहा देखना यह है कि पुलिस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई किस हद तक करती है।



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 15049 256
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.