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बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी से नाराज दिखे सपा नेता संतोष पांडेय, सुलतानपुर की राजनीति पर कही ये बड़ी बातें - बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी से नाराज दिखे सपा नेता संतोष पांडेय

यूपी के सुलतानपुर में बाहुबली पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से गाड़ी चढ़ाकर किसानों की हत्या कर दी गई, उसे पूरे देश ने देखा है. वहीं उन्होंने लंभुआ भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उनका दिमाग इतना कमजोर हो गया है कि वह भगवान में भी बंटवारा कर रहे हैं.

बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी से नाराज दिखे सपा नेता संतोष पांडेय
बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी से नाराज दिखे सपा नेता संतोष पांडेय
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Published : Oct 11, 2021, 2:24 PM IST

सुलतानपुर: बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी की तरफ से भगवान परशुराम के नाम पर चंदा बटोरने वाले लोगों को चंदेल कहे जाने के बाद समाजवादी पार्टी के बाहुबली पूर्व विधायक और परशुराम चेतना मंच के संस्थापक संतोष पांडेय ने करारा कटाक्ष किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि क्या विधायक का दिमाग इतना कमजोर हो गया है कि वह भगवान में भी बंटवारा करने लगे हैं. उन्होंने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि धर्म आपका पेटेंट नहीं है. संतोष पांडेय ने परशुराम जयंती के अवकाश को खत्म करने के प्रकरण पर भी योगी सरकार को आड़े हाथ लिया. पूर्व सपा विधायक ने कहा कि भगवान परशुराम को महापुरुष की संज्ञा देकर अवकाश खत्म करना दोहरे चरित्र को दर्शाता है.


परशुराम चेतना मंच के संस्थापक संतोष पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने परशुराम चेतना मंच स्थापित करने के मकसद के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि युवाओं में भगवान परशुराम के प्रति गजब की लोकप्रियता और उत्साह है. इसे देखते हुए हमने इन्हें अपना आराध्य देव मान लिया है. भगवान राम और परशुराम में कोई अंतर नहीं है. दोनों भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. निर्बल, पीड़ित, कमजोर, तंत्र से तिरस्कृत और अपने अधिकार को पाने में असक्षम लोगों की मदद के लिए हमने परशुराम चेतना मंच की स्थापना किया है.

सपा नेता संतोष पांडेय का साक्षात्कार.
सर्वेक्षण कहते हैं कि योगी सरकार को दोबारा विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता मिलने जा रही है? इस सवाल पर संतोष पांडे ने कहा कि यह योगी सरकार के प्रभाव में किया गया सर्वेक्षण है. यह विश्वसनीय कतई नहीं माना जा सकता है.


भगवान परशुराम को इतना महत्व देने के पीछे क्या मकसद है? इस पर उन्होंने कहा कि विधायक देवमणि जी भगवान परशुराम को मानते हैं या नहीं मानते हैं, मैं नहीं जानता, लेकिन उन्हें पीड़ा क्यों होती है भगवान परशुराम से. वह भी अपने घर में उनकी प्रतिमा लगाएं और पूजन अर्चन करें. हम तो भगवान राम और परशुराम दोनों को ही मानते हैं, दोनों की पूजा अर्चना करते हैं. वह किस तरह से डिफाइन कर रहे हैं, यह वही जाने.

इसे भी पढ़ें- शांति की ओर बढ़ रहा कश्मीर, थोड़ा वक्त और चाहिएः मेनका गांधी

सुलतानपुर: बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी की तरफ से भगवान परशुराम के नाम पर चंदा बटोरने वाले लोगों को चंदेल कहे जाने के बाद समाजवादी पार्टी के बाहुबली पूर्व विधायक और परशुराम चेतना मंच के संस्थापक संतोष पांडेय ने करारा कटाक्ष किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि क्या विधायक का दिमाग इतना कमजोर हो गया है कि वह भगवान में भी बंटवारा करने लगे हैं. उन्होंने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि धर्म आपका पेटेंट नहीं है. संतोष पांडेय ने परशुराम जयंती के अवकाश को खत्म करने के प्रकरण पर भी योगी सरकार को आड़े हाथ लिया. पूर्व सपा विधायक ने कहा कि भगवान परशुराम को महापुरुष की संज्ञा देकर अवकाश खत्म करना दोहरे चरित्र को दर्शाता है.


परशुराम चेतना मंच के संस्थापक संतोष पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने परशुराम चेतना मंच स्थापित करने के मकसद के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि युवाओं में भगवान परशुराम के प्रति गजब की लोकप्रियता और उत्साह है. इसे देखते हुए हमने इन्हें अपना आराध्य देव मान लिया है. भगवान राम और परशुराम में कोई अंतर नहीं है. दोनों भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. निर्बल, पीड़ित, कमजोर, तंत्र से तिरस्कृत और अपने अधिकार को पाने में असक्षम लोगों की मदद के लिए हमने परशुराम चेतना मंच की स्थापना किया है.

सपा नेता संतोष पांडेय का साक्षात्कार.
सर्वेक्षण कहते हैं कि योगी सरकार को दोबारा विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता मिलने जा रही है? इस सवाल पर संतोष पांडे ने कहा कि यह योगी सरकार के प्रभाव में किया गया सर्वेक्षण है. यह विश्वसनीय कतई नहीं माना जा सकता है.


भगवान परशुराम को इतना महत्व देने के पीछे क्या मकसद है? इस पर उन्होंने कहा कि विधायक देवमणि जी भगवान परशुराम को मानते हैं या नहीं मानते हैं, मैं नहीं जानता, लेकिन उन्हें पीड़ा क्यों होती है भगवान परशुराम से. वह भी अपने घर में उनकी प्रतिमा लगाएं और पूजन अर्चन करें. हम तो भगवान राम और परशुराम दोनों को ही मानते हैं, दोनों की पूजा अर्चना करते हैं. वह किस तरह से डिफाइन कर रहे हैं, यह वही जाने.

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