सुलतानपुर: जिले में भूमाफियाओं द्वारा नदी की तलहटी में इमारतें खड़ी की जा रही हैं. इसके लिए विधिवत तरीके से बाउंड्री बनाई गई हैं. जिले में यह खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है. जिलाधिकारी की जांच में यह सारा खेल सामने आया है, जिस पर डीएम ने प्रशासन की टीम को अवैध ढांचे को ढहाने का आदेश दिया है. इस मामले में दो लेखपालों को सस्पेंड कर दिया गया है और उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है.
अधिकारियों की संलिप्तता का मामला
जिलाधिकारी सी इंदुमती प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ गोमती नदी की तलहटी को देखने पहुंचीं. यहां उन्होंने नजूल की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण देखा, जिसके बाद जांच में अवैध कब्जे में अधिकारियों की संलिप्तता का मामला सामने आया. डीएम ने गैर कानूनी ढंग से बने मकानों को गिराने का आदेश दिया है.
डीएम ने दी जानकारी
डीएम सी. इंदुमती ने बताया कि गोमती नदी के तट पर बिना किसी अधिकृत कागजात के लोगों ने बड़े-बड़े मकान बना लिए हैं. बड़े पैमाने पर कब्जा किया गया है. यहां बड़े पैमाने पर कॉन्प्लेक्स बनाने का षड्यंत्र चल रहा है. इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अवैध रूप से कब्जा की गई सभी जगहों को खाली कराया जाएगा.
डीएम ने बताया कि एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश के अनुसार नदियों के 200 मीटर किनारे पर कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. इसका स्पष्ट रूप से यहां उल्लंघन हुआ है. इसके लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दो लेखपाल सस्पेंड
इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर दो लेखपाल सस्पेंड कर दिए गए हैं, जिनमें से पहला राजस्व विभाग का और दूसरा चकबंदी विभाग का है. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विनय ने क्षेत्र के बाबू और इंजीनियर समेत अन्य अफसरों के खिलाफ डीएम के आदेश पर जांच टीम गठित कर दी गई है.
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