सुलतानपुर: क्वालिटी कोऑर्डिनेटर पद के साक्षात्कार में सौदेबाजी करने वाला सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सुलतानपुर जिले से कार्य मुक्त कर दिया गया है. डीएम सुलतानपुर रवीश गुप्ता (DM Sultanpur Ravish Gupta) ने इसकी घोषणा करते हुए अग्रिम कार्रवाई का स्पष्ट संदेश दिया है. विकास भवन में सीडीओ और बीएसए की मौजूदगी में लेखा अधिकारी ने साक्षात्कार का सौदा किया था.
16 नवंबर को सुलतानपुर जिले के विकास भवन में क्वालिटी कोऑर्डिनेटर पद की भर्ती के लिए 48 लोगों ने आवेदन किए थे. जिसमें से 15 लोगों का चयन किया गया था. साक्षात्कार में मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक, बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी, एनआईसी के अधिकारी समेत आर्यस विभाग के एक अन्य इंजीनियर अफसर को लगाया गया था. डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल के दौरान लेखाधिकारी राम यश यादव ने अभ्यर्थियों का मोबाइल नंबर लिया था और साक्षात्कार खत्म होने के बाद जिस अभ्यर्थी का बेहतर प्रदर्शन था. उनसे फोन पर ₹75000 रिश्वत मांगी जा रही थी. 2 अभ्यर्थियों की तरफ से मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष हुई शिकायत में पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ था.
सीडीओ का नाम लेकर सौदा किए जाने के मामले में मुख्य विकास अधिकारी की खासी किरकिरी हुई थी, जिसके बाद सीडीओ अंकुर कौशिक ने पूरे मामले में बीएसए दीपिका चतुर्वेदी और सहायक वित्त लेखाधिकारी राम यश यादव का मोबाइल जमा करा लिया था. मोबाइल चैटिंग से इस पूरे गोरखधंधा का खुलासा हुआ था, जिसके बाद जिला विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई थी. प्रथम दृष्टया सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी रामनिवास यादव के संकेत मिलने पर शिक्षा अधिकारी धनपतगंज की तहरीर पर नगर कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने इन्हें कार्यमुक्त करने के लिए शासन से स्वीकृति मांगी थी. जिसके आधार पर स्वीकृति प्राप्त हो गई है और इन्हें कार्य मुक्त कर दिया गया है. महानिदेशक कार्यालय से रिलीव करने का आदेश आया था. बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से अनुमति (Yogi government interview dealer relieved) मांगी गई थी. जिस पर अनुमति प्रदान कर दी गई है.