सुलतानपुर: भगवान राम के पुत्र महाराज कुश की नगरी सुलतानपुर में बुधवार को सीता कुंड घाट पर भगवान कुश की जयंती मानाई गई. इस दौरान भक्तों ने 11000 दीप जलाकर भगवान कुश की आरती की. साथ ही एक बार फिर सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर किए जाने की आवाज बुलंद की.
- सुलतानपुर जिले में बुधवार को प्रचलित सीता कुंड घाट पर कुशभवनपुर दिवस मनाया गया.
- ये उत्सव हर वर्ष भगवान राम के पुत्र महाराज कुश के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
- गोमती मित्र मंडल के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में उत्सव में शामिल हुए.
- 11000 दीप प्रज्वलन किए गए और लोगों ने सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुछ भवनपुर किए जाने का आवाहन किया.
- इस दौरान पारंपरिक रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए.
आयोजक संस्था राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक अरविंद सिंह राजा ने बताया कि यह भगवान कुश की नगरी है, जिसका नाम मुगल काल में सुलतानपुर कर दिया था. इतिहास में भी कुशभवनपुर का नाम दर्ज है. इसका पूरा एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा जा चुका है. जिस पर इसका नाम बदलने की मांग की जा रही है. हमारी मांग है कि जिस तरह इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया गया है, उसी प्रकार सुलतानपुर का नाम भी परिवर्तित होना चाहिए.
सीता कुंड का वही घाट है, जहां राम पथ गमन के समय माता सीता ने स्नान किया था. तब से यह संतों की शरण स्थली कही जाती है. गोमती मित्र मंडल और राजपूताना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 11 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और सुल्तानपुर जिले का नाम कुछ भवनपुर रखने का आह्वान किया गया.