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कुशभवनपुर दिवस पर भक्तों ने की सुलतानपुर का नाम बदलने मांग

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Published : Aug 15, 2019, 8:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में बुधवार को धूम-धाम से भगवान कुश की जयंती मानाई गई. इस दौरान भक्तों ने एक बार फिर सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर किए जाने की आवाज बुलंद की.

भक्तों ने सुलतानपुर का नाम बदलने की मांग की.

सुलतानपुर: भगवान राम के पुत्र महाराज कुश की नगरी सुलतानपुर में बुधवार को सीता कुंड घाट पर भगवान कुश की जयंती मानाई गई. इस दौरान भक्तों ने 11000 दीप जलाकर भगवान कुश की आरती की. साथ ही एक बार फिर सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर किए जाने की आवाज बुलंद की.

भक्तों ने सुलतानपुर का नाम बदलने की मांग की.
  • सुलतानपुर जिले में बुधवार को प्रचलित सीता कुंड घाट पर कुशभवनपुर दिवस मनाया गया.
  • ये उत्सव हर वर्ष भगवान राम के पुत्र महाराज कुश के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
  • गोमती मित्र मंडल के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में उत्सव में शामिल हुए.
  • 11000 दीप प्रज्वलन किए गए और लोगों ने सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुछ भवनपुर किए जाने का आवाहन किया.
  • इस दौरान पारंपरिक रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए.


आयोजक संस्था राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक अरविंद सिंह राजा ने बताया कि यह भगवान कुश की नगरी है, जिसका नाम मुगल काल में सुलतानपुर कर दिया था. इतिहास में भी कुशभवनपुर का नाम दर्ज है. इसका पूरा एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा जा चुका है. जिस पर इसका नाम बदलने की मांग की जा रही है. हमारी मांग है कि जिस तरह इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया गया है, उसी प्रकार सुलतानपुर का नाम भी परिवर्तित होना चाहिए.

सीता कुंड का वही घाट है, जहां राम पथ गमन के समय माता सीता ने स्नान किया था. तब से यह संतों की शरण स्थली कही जाती है. गोमती मित्र मंडल और राजपूताना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 11 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और सुल्तानपुर जिले का नाम कुछ भवनपुर रखने का आह्वान किया गया.

सुलतानपुर: भगवान राम के पुत्र महाराज कुश की नगरी सुलतानपुर में बुधवार को सीता कुंड घाट पर भगवान कुश की जयंती मानाई गई. इस दौरान भक्तों ने 11000 दीप जलाकर भगवान कुश की आरती की. साथ ही एक बार फिर सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर किए जाने की आवाज बुलंद की.

भक्तों ने सुलतानपुर का नाम बदलने की मांग की.
  • सुलतानपुर जिले में बुधवार को प्रचलित सीता कुंड घाट पर कुशभवनपुर दिवस मनाया गया.
  • ये उत्सव हर वर्ष भगवान राम के पुत्र महाराज कुश के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
  • गोमती मित्र मंडल के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में उत्सव में शामिल हुए.
  • 11000 दीप प्रज्वलन किए गए और लोगों ने सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुछ भवनपुर किए जाने का आवाहन किया.
  • इस दौरान पारंपरिक रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए.


आयोजक संस्था राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक अरविंद सिंह राजा ने बताया कि यह भगवान कुश की नगरी है, जिसका नाम मुगल काल में सुलतानपुर कर दिया था. इतिहास में भी कुशभवनपुर का नाम दर्ज है. इसका पूरा एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा जा चुका है. जिस पर इसका नाम बदलने की मांग की जा रही है. हमारी मांग है कि जिस तरह इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया गया है, उसी प्रकार सुलतानपुर का नाम भी परिवर्तित होना चाहिए.

सीता कुंड का वही घाट है, जहां राम पथ गमन के समय माता सीता ने स्नान किया था. तब से यह संतों की शरण स्थली कही जाती है. गोमती मित्र मंडल और राजपूताना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 11 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और सुल्तानपुर जिले का नाम कुछ भवनपुर रखने का आह्वान किया गया.

Intro:शीर्षक : कुशभवनपुर दिवस का शुभारंभ, सुल्तानपुर का नाम बदलने की उठी आवाज।



भगवान राम के पुत्र महाराज कुश की नगरी सुल्तानपुर का नाम कुशभवनपुर किए जाने की आवाज एक बार फिर से बुलंद हो गई है। भगवानपुर की जयंती के अवसर पर कुशभवनपुर दिवस सीता कुंड घाट पर मनाया गया । लोगों ने 11000 दीपों से भगवान कुछ की आरती की।


Body:सुलतानपुर : गोमती मित्र मंडल के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में कुश भावनपुर दिवस को मनाने के उपलक्ष में एकत्र हुए प्रचलित सीता कुंड घाट पर संध्या आरती की गई 11000 दीप प्रज्वलन किए गए और लोगों ने सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुछ भवनपुर किए जाने का आवाहन किया इस दौरान पारंपरिक रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए।



बाइट : आयोजक संस्था राजपूताना फाउंडेशन के संरक्षक अरविंद सिंह राजा ने बताया कि यह भगवान कुश की नगरी है। जिसका नाम मुगल काल में सुल्तानपुर कर दिया गया था। इतिहास में भी कुशभवनपुर का नाम दर्ज है । इसका पूरा एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा जा चुका है। जिस पर इसका नाम बदलने की मांग की जा रही है। प्रयाग का नाम जिस तरह बदला गया, सुल्तानपुर का भी नाम उसी तरह से परिवर्तित होना चाहिए।


Conclusion:वॉइस ओवर : सीता कुंड का वही घाट है । जहां राम पथ गमन के समय माता सीता ने स्नान किया था। तब से यह संतों की शरण स्थली कही जाती है। गोमती मित्र मंडल और राजपूताना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 11 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और सुल्तानपुर जिले का नाम कुछ भवनपुर रखने का आह्वान किया गया।



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 15049 256
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