सुलतानपुरः सरकारी धन बैक डेट में रिसीव करने को लेकर हुए विवाद में पुलिस अधिकारी की सर्विस रिवाल्वर से गोली चली थी. जिसमें वायरलेस ऑपरेटर की मौत हो गयी थी. इसी मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराये गये दो पुलिस अधिकारियों को कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुना दी है. सजा के बिंदु पर आज कोर्ट में सुनवाई चली. जिसके पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय नवनीत कुमार गिरी की अदालत ने गैरइरादतन हत्या में दोषी ठहराये ये दोनों पुलिस अधिकारियों को उम्र कैद और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
कोतवाली नगर इलाके स्थित पुलिस लाइन में 24 फरवरी 2007 को हुई घटना के संबंध में पुलिस लाइन में ही तैनात वायरलेस ऑपरेटर सत्यदेव सिंह के बेटे रवींद्र प्रताप सिंह ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक सरकारी निर्माण के लिए आये धन में खेल करने की नीयत से बैक डेट में रिसीव करने के लिए तत्कालीन रेडियो निरीक्षक रणवीर सिंह सुमन एवं रेडियो केंद्र अधिकारी सेवालाल उनके पिता सत्यदेव सिंह पर अनर्गल दबाव बना रहे थे. इसी दौरान बात बढ़ते-बढ़ते गोली चलने तक की नौबत आ गई.
आरोप के मुताबिक इसी समय रणवीर सिंह सुमन की सर्विस रिवाल्वर से सह आरोपी सेवालाल के हाथ वायरलेस आपरेटर सत्यदेव सिंह पर गोली चल गई. गोली लगने की वजह से सत्यदेव सिंह गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनकी इलाज के दौरान 13 मार्च 2007 को मौत हो गई.
मिली जानकारी के मुताबिक सत्यदेव सिंह ने मरने से पहले अपने बयान में रणवीर सिंह सुमन की सर्विस रिवाल्वर से सह आरोपी सेवालाल के हाथ गोली चलाने की पुष्टी की थी. इस मामले को प्रथम दृष्टया पुलिस ने मामला विभागीय अधिकारियों से जुड़ा होने के चलते दुर्घटना दिखाकर भादवि की धारा 304-ए में केस बनाने का प्रयास किया था.
लेकिन जब मामला कोर्ट पहुंचा तो वहां भादवि की धारा 304-ए के बजाय धारा-304 के अपराध में विचारण शुरू हुआ. मामले में अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता राम अचल मिश्र ने सात गवाहों को परीक्षित कराया एवं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश किया. उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश नवनीत कुमार गिरी की अदालत ने कन्नौज जिले के रायपुर थाना गुरुशाहगंज के रहने वाले तत्कालीन रेडियो निरीक्षक रणवीर सिंह सुमन एवं पुलिस लाइन औरैया के रहने वाले रेडियो केंद्र अधिकारी सेवालाल को कल भादवि की धारा-304 के अपराध में दोषी करार दिया था और इन दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए आज गुरुवार का दिन तय किया.
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दोनों पुलिस अधिकारियों को वर्तमान में रिटायर होना बताया जा रहा है. आज जज नवनीत कुमार गिरी की अदालत ने गैरइरादतन हत्या में दोषी ठहराए गये दोनों पुलिस अधिकारियों को गैर इरादतन हत्या में होने वाली अधिकतम सजा यानी उम्र-कैद एवं एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट के इस फैसले से मृतक पुलिस कर्मी के परिवार को आज लम्बे इंतजार के बाद देर से ही सही पर दुरुस्त न्याय मिला और दोषियों को उनकी करनी की सजा का कोर्ट से ऐलान हुआ है.